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इनकम टैक्स छूट की सीमा 8 साल बाद बढ़ी:गरीबों को एक साल और मिलेगा मुफ्त अनाज, युवाओं-रोजगार के लिए अहम ऐलान

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बजट की 5 सबसे बड़ी बातें

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मिडिल क्लास के लिए: 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।

निचले तबके के लिए: गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त अनाज एक साल और मिलेगा।

युवाओं के लिए: स्टार्टअप फंड, और 3 साल तक भत्ता मिलेगा, इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स बनेंगे।

आदिवासी क्षेत्र के लिए: एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स अपॉइंट किए जाएंगे। आदिवासी गांवों के विकास के लिए 15 हजार करोड़।

महंगा-सस्ता: LED टीवी-मोबाइल सस्ते होंगे। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया। ये अब महंगी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में सबसे बड़ी बात इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की रही। उन्होंने 8 साल बाद स्लैब बदला और 7 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट देने की घोषणा कर दी।

सीतारमण का ये 5वां और देश का 75वां बजट था। उन्होंने इस बार पहले की तुलना में कम समय लिया। इस बार का भाषण महज 1 घंटे 27 मिनट का था।

इस साल 9 राज्यों में और अगले साल देश का चुनाव है। इसका असर बजट भाषण में दिखा। सीतारमण ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना और युद्ध के चलते मंदी की राह पर है, तब भारत की ग्रोथ बाकी देशों के मुकाबले मजबूत है।

जानिए बजट में आपके लिए क्या-क्या ऐलान किए गए…

1. इनकम टैक्स: 8 साल बाद छूट की सीमा बढ़ी

अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे। अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। आखिरी बार 2014-15 बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था।

2. क्या सस्ता, क्या महंगा

टीवी सस्ते होंगे। वजह पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% कर दी गई है। मोबाइल फोन भी सस्ते होंगे, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई। हीरों की कीमतें कम होंगी। मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले सीड पर ड्यूटी कम की गई है। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया, ये महंगी होगी। चांदी से बने आइटम्स महंगे होंगे क्योंकि कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है।

3. रोजगार

इस साल फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया। पीएम कौशल विकास योजना​​​​​​ का ही 4.0 वर्जन लॉन्च करने की बात कही। बोलीं- युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे। नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम के तहत 47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए 3 साल तक भत्ता दिया जाएगा।

4. किसान

सरकार ने कृषि क्रेडिट कार्ड (KCC) 20 लाख करोड़ बढ़ाने की घोषणा की। यह पिछले साल 18.5 लाख करोड़ रुपए था। इसके अलावा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर से किसानों को खाद बीज से लेकर मार्केट और स्टार्टअप्स तक की जानकारी मिल सकेगी। एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड के जरिए गांवों में युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने का मौका मिलेगा।

5. इंडस्ट्री-स्टार्टअप

देश के 6 करोड़ से ज्यादा छोटे-मझोले उद्योग हैं और 84 हजार से ज्यादा स्टार्टअप। इनके लिए नई क्रेडिट गारंटी स्कीम 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इसमें छोटे-मझोले उद्यमों को बिना गारंटी के 2 लाख करोड़ रुपए तक का क्रेडिट दिया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज लॉन्च किया जाएगा, जिसमें MSME’s का प्रोडक्शन बढ़ाने और मार्केट तक पहुंचाने में मदद करेगा।

कुछ और बड़े ऐलान

रेलवे: 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। 2014 के मुकाबले ये रेल बजट 9 गुना ज्यादा है।

सीनियर सिटीजन्स: सेविंग्स अकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए की जाएगी।

महिला: सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5% ब्याज मिलेगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर: बजट में 66% बढ़ोतरी हुई है। सेक्टर अब 79 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड और वाटर एयरो ड्रोन सेंटर्स बनेंगे। सभी शहरों में सीवेज की सफाई मशीनों से की जाएगी।

5G सर्विस: इस सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर, बिजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी।

पर्यावरण: फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करने के लिए ग्रीन हाईड्रोडन मिशन। एनर्जी ट्रांजीशन के लिए 35 हजार करोड़। एनवॉरोन्मेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नया ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम।

डिजिटल इंडिया: बिजनेस और चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए डिजिलॉकर। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए बड़े संस्थानों में 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे।

बजट से पहले ली राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी…

बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी ली।
बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी ली।

बजट के सप्तर्षि, वित्त मंत्री ने बताया क्या है सप्तर्षि
वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए। इन्हें सप्तर्षि कहा गया है। 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र।

वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ‘जनभागीदारी’ के लिए ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है।

सीतारमण के 4 बजट, हर बार कुछ ना कुछ नया

1. 2019 पहला बजट: ब्रीफकेस बजट की जगह बहीखाता

सीतारमण ने पहले बजट के साथ ही परंपराओं को तोड़ना शुरू किया। 2019 में ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचीं यानी बहीखाता। रिकॉर्ड 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दिया। इससे पहले सबसे लंबी स्पीच जसवंत सिंह ने दी थी। 2003 में वे 2 घंटे 15 मिनट तक बोले थे।

1 फरवरी 2019 की यह तस्वीर इतिहास बन गई, जब सीतारमण ब्रीफकेस में बजट की जगह बहीखाता लेकर संसद पहुंचीं।
1 फरवरी 2019 की यह तस्वीर इतिहास बन गई, जब सीतारमण ब्रीफकेस में बजट की जगह बहीखाता लेकर संसद पहुंचीं।

2. 2020 दूसरा बजट: इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण

सीतारमण ने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया। ये भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था। तबीयत बिगड़ी तो आखिरी दो पन्ने पढ़े ही नहीं। पीठ से कह दिया कि इन दो पन्नों को पढ़ा हुआ मान लिया जाए।

3. 2021 तीसरा बजट: पहली बार पेपरलेस बजट

सीतारमण लाल रंग के टैबलेट में बजट लेकर पहुंचीं। इतिहास बना। देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया गया। देश के 3 राज्यों हिमाचल (2015), ओडिशा (2020) और हरियाणा (2020) में पहले ही पेपरलेस बजट पेश किया जा चुका था।

4. 2022 चौथा बजट: हलवा रस्म नहीं हुई, सबसे छोटा बजट भाषण

सीतारमण ने अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया। 1 घंटे 30 मिनट का। कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई। अधिकारियों को मिठाई बांटी गई। हालांकि 2023 के बजट में ये रस्म वापस आ गई। सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा। ये लॉक इन प्रॉसेस की शुरुआत होती है। यानी ये अफसर बजट जारी होने तक बाहरी दुनिया से कट जाते हैं। ऐसा गोपनीयता के चलते किया जाता है।

2022 में हलवा रस्म नहीं हुई थी। 2023 में 26 जनवरी को सीतारमण ने खुद प्रिंटिंग से जुड़े साथियों को हलवा बांटा और लॉक-इन प्रॉसेस शुरू की।
2022 में हलवा रस्म नहीं हुई थी। 2023 में 26 जनवरी को सीतारमण ने खुद प्रिंटिंग से जुड़े साथियों को हलवा बांटा और लॉक-इन प्रॉसेस शुरू की।
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