रायपुर। प्रदेश की आपराधिक घटनाएं अब असहनीय हो गयी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि गृहमंत्री के जिले से बेलगाम हुआ अपराध मुख्यमंत्री के गृह ग्राम तक पहुंच गया। राजधानी रायपुर में चला हत्याओं का गोलीबारी का खौफनाक मंजर पूरे प्रदेश में फैल चुका है। आम आदमी अपने आपको भयभीत महसूस कर रहा है। राजधानी रायपुर के बाद दूसरे ही दिन प्रदेश के सबसे शांत माने वाले जशपुर में कुनकुरी के कांसाबेल ब्लाक के बटाईकेला गांव में बैंक का ग्राहक सेवा केन्द्र चलाने वाले व्यक्ति पर 4 हथियारबंद लुटेरो ने हमला किया। उसके बचाव में जब उसकी दादी को लुटेरो ने उनको गोली मारकर हत्या कर दिया। यह मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है, उनका गृहग्राम बगिया भी इसी कांसाबेल ब्लाक में आता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सबसे संवेदनशील और सुरक्षित माने जाने वाले रायपुर के सेन्ट्रल जेल परिसर के सामने एक व्यक्ति को गोली मार दी गयी, पिछले 4 दिनों में 9 लोगों की सरेआम हत्या हुयी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अपराध का गढ़ बन गया है। सरकार की लापरवाही और पुलिस की नाकामी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में कोई भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है राजधानी में सरेआम गोलीबारी की पांचवी घटना हुई है। सरकार की नाकामी और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है कि प्रदेश की राजधानी असुरक्षित हो चुकी है। दीपावली के दौरान चार दिनों में राजधानी में 9 हत्या हुई, प्रदेश के लगभग सभी शहरों में रोज ही हत्याएं हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य में रोज-रोज घट रही घटनायें यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है तथा आपराधिक घटनायें रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसी नकारी और निक्कमी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये। जब जनता अपने जान-माल की सुरक्षा तथा अपराधियों और अपराधिक घटनाओं के विरोध में खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य के हालात अराजक हो जाये तब ऐसी सरकार को बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह सारी घटनाएं बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है। सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है। सरकार बेपटरी हो चुकी है। 4 एसपी और कलेक्टर दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री गृहमंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है? मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृहमंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।