Acn18.com/कोरबा, जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा में पदस्थ जनसूचना अधिकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी समय पर नहीं देना भारी पड़ गया है। उस पर 50 हजार की पेनाल्टी लगाई गई है।
कोरबा पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता नूतनसिंह ठाकुर ने अक्टूबर 2020 को शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दो आवेदन देकर शहर के निजी स्कूलों के अधिसूचित स्कूल फीस तथा इन स्कूलों के फीस का परीक्षण करने संबंधी दस्तावेजो की मांग किया था।
इसी प्रकार दूसरे आवेदन में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली एवं बाल अधिकारों के उल्लंघन पर कोरबा पैरेंट्स एसोसिएशन की शिकायत पर कार्रवाई संबंधी दस्तावेज की मांग किया था।
जन सूचना अधिकारी ने आवेदक को मांगी गई जानकारी समय पर उपलब्ध नही कराया जिसके खिलाफ नूतनसिंह ठाकुर ने राज्य सूचना आयोग रायपुर को अपील प्रस्तुत किया। राज्य सूचना आयोग में सूनवाई के दौरान पाया गया कि जन सूचना अधिकारी ने आवेदक को समय पर जानकारी उपलब्ध कराने संबंधी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। अधिनियम के प्रावधानो के अनुसार प्रथम अपीलीय अधिकारी की जानकारी भी आवेदक को नहीं देना पाया गया। इस संबंध में अधिकारी को जनवरी 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया लेकिन जन सूचना अधिकारी ने इसका जवाब नहीं दिया।
राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने दो प्रकरणों में 14/7/2023 को आदेश पारित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा कार्यालय में पदस्थ जन सूचना अधिकारी को दोषी मानते हुए 25-25 हजार शास्ति आरोपित करते हुए कुल 50 हजार रुपए अर्थदंड लगाया है। इस संबंध में 8 अगस्त को आदेश जारी करते हुए लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को दोषी अधिकारी से अर्थदंड वसूलकर शासन के खाते में जमा करने का निर्देश दिया है।
इस मामले में साबित होता है कि तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने कोरबा पैरेंट्स एसोसिएशन की शिकायतो पर कोई कार्रवाई नहीं किया था।