Acn18.com/पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के दौरान छह जिलों में 16 लोगों की हत्या की गई। इसके साथ ही एक महीने में जान गंवाने वालों की संख्या 35 हो गई। 8 जून को चुनावों का ऐलान होने के बाद से 7 जुलाई तक 19 लोगों की जान गई थी।
8 जुलाई को हुई 16 मौतों में से 13 मौतें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और मालदा में हुई। सबसे ज्यादा पांच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं। यहां 200 लोग घायल भी हुए। वहीं, सबसे ज्यादा TMC के 9 कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई। CPI (M) के 3 लोग मारे गए।
BSF DIG एसएस गुलेरिया ने रविवार को बताया कि बार-बार जानकारी मांगने के बाद भी उन्हें राज्य के सेंसिटिव बूथ की जानकारी नहीं दी गई थी। अगर उन्हें जानकारी मिलती तो वहां केंद्रीय बल तैनात किया जाता।
BSF DIG बोले- पुलिस बल पर्याप्त था, उसका इस्तेमाल नहीं किया गया
BSF DIG एसएस गुलेरिया ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ 7 जून को सेंसिटिव बूथ की संख्या बताई। उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई। यहां पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के 59 हजार ट्रूप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन इसका ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सका।
राज्य सरकार ने बताया था कि सिर्फ 4834 सेंसिटिव बूथ हैं, जिन पर CAPF को तैनात किया गया था, लेकिन असल में यहां कई ज्यादा सेंसिटिव पुलिस बूथ थे। BSF की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग पर ही की गई थी।
चुनाव आयुक्त बोले- समय रहते पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात नहीं हुआ
चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने के आरोपों को लेकर बंगाल चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा कि यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी कि चुनाव के दौरान भीड़ को कंट्रोल करें। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल बंगाल में समय रहते कंपनियां तैनात नहीं कर सका।
शुभेंदु अधिकारी बोले- TMC के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से हुई हत्याएं
विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव में हुई हत्याओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, TMC के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से इतनी हत्याएं हुईं। इस मामले की CBI और NIA को जांच करनी चाहिए।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा- ‘यह चुनाव नहीं हो रहा था, वोटों की लूट हो रही थी और मौतें हो रही थीं। हिंसा और आगजनी हो रही थी। चुनाव में केंद्रिय सुरक्षा बलों को तैनात करने की बात कही गई थी। हिंसा के दौरान वे कहां थे? शुभेंदु ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि CCTV की निगरानी का दावा किया गया था लेकिन कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए थे।’
छह जिलों में 15 लोगों की मौत हुई
TMC: शनिवार सुबह मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और कूचबिहार के तूफानगंज में दो पार्टी कार्यकर्ताओं, जबकि मालदा के मानिक चौक में TMC नेता के रिश्तेदार की हत्या कर दी गई। अभी तक कुल 9 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं।
कांग्रेस: मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ता यास्मीन एसके का मर्डर कर दिया गया।
CPI(M): पूर्वी बर्दवान में शुक्रवार रात 32 साल के CPI(M) कार्यकर्ता रजिबुल हक को गोली मार दी गई थी। शनिवार सुबह उसने कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। CPI(M) के तीन कार्यकर्ताओं के मरने की खबर है।
BJP: कूचबिहार के फलिमारी में शनिवार सुबह भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
ISF: नादिया जिले के हरिनघाटा इलाके में TMC से झड़प में ISF कार्यकर्ता की मौत हो गई। मृतक की पहचान 48 साल के सइदुल शेख के तौर पर हुई है।
निर्दलीय: उत्तरी 24 परगना के पीरगाछा में एक निर्दलीय उम्मीदवार के बूथ एजेंट अब्दुल्ला की हत्या कर दी गई।
9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया
8 जुलाई को पश्चिम बंगाल की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर मतदान हुआ। बाकी 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं। पंचायत चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे।
राज्य में सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें आईं थी। कई इलाकों से बूथ लूटने, बैलेट पेपर फाड़ने, बैलेट पेपर में आग लगाने की घटनाएं देखी गईं थी। कूच बिहार के माथभंगा-1 ब्लॉक के हजराहाट गांव में एक युवक बैलेट बॉक्स लेकर भाग गया था।
शाह ने हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
हिंसा की घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। उन्होंने BJP के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार से भी बात की थी और कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली थी। वहीं, BSF ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा था की उन्हें संवेदनशील बूथों के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई थी।
ISF के नौशाद सिद्दीकी बोले- TMC लोगों की जान लेकर चुनाव जीतना चाहती है
भास्कर के रिपोर्टर अक्षय बाजपेयी ने ISF के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी से हिंसा को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि मेरी विधानसभा में जिस दिन से नॉमिनेशन शुरू हुआ उसी दिन से TMC के लोगों ने आम जनता पर दबाव डालना शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा, हम जहां रहते हैं वहां 7 जुलाई की रात में भी TMC के गुंडों ने बमबाजी की थी। वे लोग जानते हैं कि आम आदमी अधिक वोट डालेगा तो सरकार के खिलाफ वोट डालेगा, इसलिए वह ऐसा माहौल बना रहे थे कि लोग वोट ना डाल पाएं।
TMC के लोकल लीडर्स कट मनी लेते हैं इसलिए आम लोगों ने अब तय कर लिया है कि उन्हें वोट नहीं डालेंगे। ऐसा हुआ तो रूलिंग पार्टी से जुड़े नेताओं की रोजी-रोटी बंद हो जाएगी भांगड़ में चुनाव हारने के बाद टीएमसी अब किसी भी हाल में पंचायत को अपने पक्ष में करना चाहती है, भले ही किसी की जान भी क्यों न लेनी पड़े।