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FLIPKART से डिलीवरी देने सामान मंगाया और 45 लाख ठगे:कंपनी को कहा-हमने माल सप्लाई कर दिया, फिर खुद लेकर भागे; युवती समेत 5 अरेस्ट

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Acn18.com/छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ठगी का अनोखा मामला आया है। यहां एक कूरियर कंपनी से जुड़े लड़कों ने फ्लिपकार्ट से 45 लाख रुपए के मोबाइल, घड़ी, कैमरा और लैपटॉप मंगा लिए। उसके बाद उसकी डिलीवरी लेकर सारा सामान गाड़ी में भरकर फरार हो गए।

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डिलीवरी के बाद जब कूरियर कंपनी में पैसा नहीं पहुंचा तो संचालक ने इसकी शिकायत धमधा थाने में की। पुलिस ने अपराध दर्ज करने के 72 घंटे के अंदर 95 प्रतिशत माल बरामद कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक लड़की भी शामिल है।

एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस मामले की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत एक स्पेशल टीम बनाई। जांच में पता चला कि जामुल थाना क्षेत्र निवासी अमर मंडल ने अपने दोस्त अरविंद के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है। वो लोग पहले भी कूरियर कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम कर चुके हैं। इन लोगों ने अपने साथियों के मोबाइल नंबर के फर्जी नाम से दुकान का रजिस्ट्रेशन कराया, उसके बाद उन्हीं पते पर 45 लाख का सामान मंगा लिया।

जब पूरा माल फ्लिपकार्ट से आ गया तो डिलीवरी करने के लिए अमर निकला। इसके बाद उसने कूरियर कंपनी को मैसेज किया कि उसने 45 लाख रुपए की डिलीवरी कर दी है। रात में इतना कैश लेकर नहीं आएगा, कल जमा करेगा। कूरियर कंपनी ने उसकी बात का विश्वास कर लिया।

इधर,समय मिल जाने से वो लोग पूरा सामान लेकर राजनांदगांव पहुंचे और वहां खैरागढ़ पांडुका निवासी मोनिका मौर्य (19 साल) के पुराना बस स्टैंड राजनांदगांव स्थित घर में सामान को छिपा दिया। पुलिस ने 95 प्रतिशत माल जब्त कर मोनिका को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, साथ ही उसकी निशानदेही पर चार अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।

इस तरह दिया वारदात को अंजाम
आरोपियों ने बताया कि वो लोग पहले भी अमर मंडल के साथ काम कर चुके हैं। अमर को फ्लिपकार्ट की डिलीवरी का सिस्टम पहले से पता था। उसने सबसे पहले फ्लिपकार्ट से टाइअप वाली कुरियर कंपनी में नौकरी की थी। इसके बाद अलग-अलग दोस्तों के नंबर और पैन कार्ड से फ्लिपकार्ड में सेलर आईडी जनरेट की।

इसके बाद अलग-अलग सेलर आईडी से 45 लाख का सामान कैश ऑन डिलीवरी के माध्य से मंगा लिया। जब पूरा सामान एक ही पिन कोड में डिलीवरी के लिए दुर्ग पहुंचा। कुरीयर कंपनी के संचालक ने माल डिलीवरी के लिए अमर को जिम्मेदारी दी। अमर ने 25 तारीख को डिलीवरी के लिए माल लिया। इसके बाद अपने एक दोस्त की कार को मंगाया। सारा सामान कार में रखकर राजनांदगांव अपनी दोस्त मोनिका के घर गया। वहां उसने सभी डिलीवरी को वहीं से बैठकर स्कैन किया और डिलीवर दिखाकर कूरियर कंपनी में मैसेज भेज दिया कि माल डिलीवर हो गया है। कैश उसके पास है उसे वो कल जमा करेगा।

अमर सहित तीन मास्टर माइंड फरार
पुलिस ने इस मामले में राजनांदगांव निवासी दीपक साहू (33 वर्ष), मनीष कुमार दास (34 वर्ष) निवासी तुमड़ीबोर, रामनगर मोहल्ला, थाना डोंगरगांव, राजनांदगांव, कुमारी मोनिका मौर्य (19 साल) खैरागढ़ पाण्डुका, हाल पता पुराना बस स्टेण्ड के पास राजनांदगांव, विकास साहू (25 वर्ष) निवासी सिनोधा, माता कर्मा, वार्ड नंबर-12 थाना तिल्दा-नेवरा, रायपुर और अंकित परगनिहा (35 वर्ष) निवासी नेहरू नगर वेस्ट, जिला दुर्ग को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मामले के मेन मास्टर माइंड जामुल निवासी अमर मंडल, भिलाई निवासी अरविंद वर्मा और लोकेश साहू पुलिस की गिरफ्त से फरार हैं।

इन सामानों की हुई थी ऑनलाइन खरीदी
आरोपियों ने फ्लिपकार्ट से कुल 112 सामानों का ऑर्डर किया था। इसमें 90 महंगे मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 कैमरा, 7 घड़ी और एक जोड़ी जूता को पुलिस ने रिकवर कर लिया है। वहीं अभी भी 20 शिपमेंट को जब्त नहीं किया जा सकता है।

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