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पूरे छत्तीसगढ़ में राम:भूपेश सरकार का राम वनगमन पथ पर काम तेज, दर्जनभर नए स्थलों की शुरू हुई तलाश

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Acn18.com/अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपानीत केंद्र सरकार देशभर में प्रचार में लगी है, लेकिन श्रीराम के मामले में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कहीं आगे निकल गई है। अयोध्या में मूर्ति स्थापना से पहले ही भूपेश बघेल सरकार जुलाई से राम वनगमन पथ शुरू करने की तैयारी में है। इससे पहले, वनगमन पथ पर 7 जगह राम की 25-25 फीट की विशालकाय प्रतिमाएं लगाई जा चुकी हैं।

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प्रतिमाएं आने लगी हैं और इन्हें लगाया भी जा रहा है। इसके अलावा, श्रीराम से संबंधित 10 स्थलों को भी जुलाई तक डेवलप कर लिया जाएगा। सभी जगहों पर ऑडियाे विजुअल के माध्यम से भगवान राम की जन्म से लेकर वनवास तक की कहानी सुनाई जाएगी। परियोजना प्रभारी अनुराधा दुबे के अनुसार राम वनगमन पथ पर चंदखुरी में पर्यटक 10 गुना बढ़े हैं। जून तक 7 जगह भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित कर लेंगे। जुलाई में राम वनगमन पथ शुरू हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। इससे पहले ही भूपेश सरकार अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट राम वनगमन पथ को अंतिम रूप देकर शुरू कर रही है। यही नहीं, छत्तीसगढ़ में भगवान राम पर जिस तरह से काम हो रहा है, कांग्रेस भी इसे देशभर में प्रचारित करने की तैयारी कर रही है।

सरकार चुनाव से पहले ही भगवान राम से जुड़े नए 10-15 स्थलों के विकास की घोषणा भी कर सकती है। जनवरी में अयोध्या में मूर्ति स्थापना के बाद लोकसभा में भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी, लेकिन छत्तीसगढ़ ने इस मुद्दे की काट पहले ही तैयार कर ली है।

छत्तीसगढ़ में चल रहे भगवान राम के काम का देश के हर राज्य में प्रचार शुरू हो गया है। जहां भी टूरिज्म फेयर हो रहा है, वहां छत्तीसगढ़ का पर्यटन विभाग राम वनगमन पथ को प्रमुखता से दिखा रहा है। इसीलिए चंदखुरी में उत्तरप्रदेश और प. बंगाल से ज्यादा टूरिस्ट आ रहे हैं। राम वनगमन पथ का स्पेन, दुबई और मास्को में भी प्रचार किया गया है।

3 प्रतिमाएं लगीं, लोकार्पण जल्द

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आने के बाद रामवनपथ गमन योजना की घोषणा की गई। इसमें राम भगवान से जुड़े 9 स्थलों को विकसित करने की योजना थी। इसमें 6 स्थलों पर राम भगवान की मूर्ति लगाने का भी प्लान था। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना में एक स्थल चंपारण को और जोड़ दिया। बजट भी 137 करोड़ से बढ़ाकर 162 करोड़ कर दिया गया। चंदखुरी, शिवनीनारायण और राजिम में मूर्ति स्थापित की जा चुकी है। सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़ और चंपारण में मूर्ति पहुंच चुकी है। सिहावा सप्तऋषि आश्रम में भगवान राम के अलावा सप्तऋषियों की मूर्ति भी भोपाल में बन रही है, जो जून अंत तक स्थापित हो जाएगी। इसके अलावा तुरतुरिया, जगदलपुर और रामाराम में भी जुलाई तक सभी काम हो जाएंगे।

रामायण इंटरप्रेटेशन सेंटर भी
रामवन पथ गमन योजना के तहत सभी 10 स्थलों पर रामायाण इंटरप्रेटेशन सेंटर भी बनाया जा रहा है। इसमें भगवान राम की छत्तीसगढ़ से जुड़ी हर कहानी को ऑडियो विजुअल और पेंटिंग के माध्यम से बताया जाएगा। पर्यटक एक ही स्थल पर बाकी 9 स्थलों के वीडियो भी देख सकेगा। इनमें उस स्थान की महत्ता का उल्लेख होगा। वीडियो-ऑडियो में भगवान की राम कहानी श्रृंगी ऋषि से शुरू होगी। कांग्रेस सरकार ऐसे किस्सों से ही भगवान राम को छत्तीसगढ़ से जोड़ेगी।

नए स्थलों की खोज भी शुरू

इतिहासकारों की मानें तो पुराणों में भगवान राम से जुड़े 75 स्थल छत्तीसगढ़ में बताये जाते हैं। इसमें से ही 10 स्थलों पर अभी विकास कार्य चल रहा है। पर्यटन विभाग को नए 10-15 स्थल खोजने कहा गया है। बताया जा रहा है कि चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार रामवन पथ गमन-2 की घोषणा भी कर सकती है।

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