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पीएम मोदी हुए शामिल, जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन

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acn18.com/ महासमुंद। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदिवासी जननायक भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती के अवसर पर आज जिले में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार राज्य के जमुई से वर्चुअली जुड़कर संबोधित किया। उन्होंने बिरसा मुंडा के स्वतंत्रता संग्राम में निभाई गई ऐतिहासिक भूमिका और उनकी प्रेरणादायक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान बिरसा आज भी हमारे समाज में एक आस्था के प्रतीक बने हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। साथ ही इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया।

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जिला पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने मां सरस्वती के तैल्य चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्री पवन पटेल, कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण मौजूद थे। मुख्य अतिथि सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपस्थित सभी लोगों को आदिवासी जननायक भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती के पावन अवसर की शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज हम यहाँ जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन में एकत्रित हुए हैं, जो हमारे आदिवासी समाज की महान परंपराओं, संस्कृति, और स्वाभिमान का प्रतीक है। भगवान बिरसा मुंडा, हमारे गौरवशाली इतिहास के उस नायक का नाम है, जिन्होंने न केवल अपने समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि पूरे देश को स्वतंत्रता के संघर्ष में एक नई दिशा दी। उनके संघर्ष, उनकी वीरता, और उनकी अटूट संकल्पशक्ति ने हमें यह सिखाया कि यदि हमारा संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी कठिनाई हमें रोक नहीं सकती। उन्होंने जल, जंगल, और जमीन की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया और आदिवासी समाज के लिए एक नई जागरूकता का संदेश दिया। अंत में उन्होंने कहा कि हम एकजुट होकर, उनके आदर्शों पर चलें और हमारे देश को और भी सशक्त, स्वाभिमानी और गौरवशाली बनाएं।

विधायक श्री योगेश्वर राजू ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी का संघर्ष सिर्फ सामाजिक और आर्थिक शोषण के खिलाफ नहीं था, बल्कि यह अपनी संस्कृति, अधिकारों और अस्तित्व की रक्षा के लिए एक महाक्रांति थी। उनकी विरासत हमें सिखाती है कि अपनी जड़ों से जुड़कर, आत्म-सम्मान के साथ आगे बढ़ना ही सच्ची प्रगति है। आज हम इस जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं को याद करते हुए यह संकल्प लें कि हम सभी मिलकर उनके सपनों को साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री जनजाति समुदाय से है जिससे हमें गर्व का एहसास होता है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जनजाति समाज की उन्नति और समृद्धि के लिए निरंतर कार्य किया जा रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को भगवान बिरसा मुंडा के इतिहास के अध्ययन करने का सुझाव दिया।

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