Acn18.com/बिलासपुर में डायरिया के बाद मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ़ गया है। दो दिन पहले मलेरिया से एक मरीज की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग 39 गांवों को संवेदनशील माना है। इसके लिए हेल्थ कैंप लगाकर जांच की जा रही है। इधर, रविवार को दो गांव में डायरिया के 10-10 मरीज मिले हैं। शुरुआती जांच में हैंडपंप का दूषित पानी पीने से बीमार होने की आशंका जताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित गांव में कैंप लगाकर सर्वे कर रहा है।
कोटा क्षेत्र के परसापानी में बीते शुक्रवार को मलेरिया से एक 18 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई, जिसके बाद सीएमएचओ डॉ. राजेश शुक्ला खुद प्रभावित गांव पहुंचे, जहां उन्होंने सर्वे कराया। इस दौरान 45 लोगों की जांच की गई, जिसमें एक मलेरिया पीड़ित मिला। मलेरिया विभाग की टीम ने आसपास के 39 गांव को संवेदनशील श्रेणी में रखकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमएचओ डॉ शुक्ला ने बताया कि मलेरिया पॉजिटिव को घर में ही रखकर दवा दी गई है। गांव में कैंप भी लगाया गया है। दावा किया जा रहा है कि जुलाई महीने में सभी घरों में दो-दो मच्छरदानियों का भी वितरण किया गया था। मलेरिया के मामले सामने आने के बाद अब पूरे गांव में स्प्रे कराया गया है।
मलेरिया को लेकर चला सर्वे
बारिश के मौसम में इन दिनों तरह-तरह की बीमारी फैली हुई है। कोटा ब्लॉक में मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं। ब्लॉक के 39 गांव संवेदनशील हैं। ऐसे में यहां पर लगातार मरीज मिल रहे हैं। रविवार को भी इस क्षेत्र से एक मलेरिया का मरीज मिला है। ऐसे में प्रभावित गांव में सर्वे कराकर मरीज खोजे जा रहे हैं। मरीज मिलने की दशा में उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
पांच लोगों का चल रहा इलाज
परसापानी गांव के तीन और कूपा बांधा के दो मलेरिया पॉजिटिव मरीज के इलाज के लिए रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार किया जा रहा है। सभी मरीज ठीक हैं जल्द ही इन्हें डिस्चार्ज भी करने का दावा किया जा रहा है। गांव में डाक्टरों की ड्यूटी लगाकर शिविर भी लगाया गया है।
रोजाना रिपोर्टिंग और मुख्यालय में रहने के निर्देश
सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला ने कोटा ब्लॉक के समस्त वर्करों से कहा कि मुख्यालय में रहकर ही काम करें। सभी गांव का सर्वे करते रहे और इसकी रिपोर्ट रोजाना सीएमएचओ कार्यालय में दी जाए। इस दौरान सीएमएचओ डॉ शुक्ला रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां मलेरिया पीड़ितों से चर्चा करते हुए उनकी हालचाल जाना। साथ ही सीएससी प्रभारी डॉ. अविनाश सिंह को बेहतर उपचार के निर्देश दिए।
दो गांव में डायरिया के 20 मरीज मिले
सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला ने बताया कि रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र में रानीगांव से डायरिया के चार मरीज भर्ती हुए थे। रविवार को रानीगांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया। यहां 60 घरों में मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा सर्वे किया गया, जिसमें डायरिया के 10 मरीज मिले। उन्हें दवा का वितरण किया गया है। रानीगांव के बाद सीएमएचओ डॉ. शुक्ला बिल्हा क्षेत्र के ग्राम हथनी पहुंचे। यहां भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की ओर से लगभग 70 घरों का सर्वे कराया गया। इसमें डायरिया के 10 मरीज मिले हैं। यहां भी हेल्थ कैंप लगाया गया है।
तीन रतनपुर और चार बिल्हा सीएससी रेफर
सर्वे के दौरान दोनों गांव मिलाकर रविवार को डायरिया के 20 मामले सामने आए। रानीगांव से तीन मरीजों सीएससी रतनपुर में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही हथिनी गांव के चार मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्हा रेफर किया गया है।
गांव वालों को सीएमएचओ ने डायरिया से बचाव के बताए उपाय
रानीगांव और हथिनी गांव पहुंचे सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला ने ग्रामीणों से चर्चा की। उन्हें डायरिया सहित अन्य जल जनित बीमारियों से बचाव के तरीके बताए। डॉ शुक्ला ने ग्रामीणों से कहा कि दूषित भोजन करने से बचें, घर में पानी का सेवन करें, सर्दी जुखाम या बुखार आने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें, नीम-हकीम और झाड़-फूंक से बचें। समय पर बीमारी दवा मिलने से रोगी जल्द स्वस्थ हो जाता है।