acn18.com कोरबा/ नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया की कोरबा परियोजना को चार दशक पहले जमीन देने वाले कई लोग अभी भी नौकरी के लिए चक्कर लगाने को मजबूर है। उन्होंने एनटीपीसी प्रबंधन और प्रशासन पर आरोप लगाया कि रिकॉर्ड नहीं होने का बहाना बनाकर लाभ देने से वंचित किया जा रहा है। इसलिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
कोरबा के तानसेन चौराहे पर 22 अप्रैल 2023 से एनटीपीसी के भुविस्थापित नौकरी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 9 महीने का लंबा समय बीतने के बाद भी उनकी मांग को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है जिसके कारण लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। विस्थापित संगठन के प्रतिनिधि राजेंद्र पटेल ने बताया कि पिछले साल से लेकर अब तक धरना प्रदर्शन सत्याग्रह आत्मदाह जैसे कदम उठाए जा चुके हैं फिर भी अधिकारियों की कान में आवाज नहीं पहुंची है। राजेंद्र पटेल ने बताया कि 40 वर्ष पुराना मामला बताकर प्रशासन के द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जबकि प्रशासन चाहे तो बिलासपुर से रिकॉर्ड मंगवा सकता है ।
एनटीपीसी के द्वारा अपने प्रयोजन के लिए पिछले वर्षों में अर्जित की गई जमीन पर व्यावसायिक कार्य किया जा रहे हैं और इसके माध्यम से लगातार लाभ अर्जित किया जा रहा है । उसे समय जमीन लेने का पूरा काम प्रशासन के हस्तक्षेप से ही किया गया था । इस नाते प्रभावित लोगों के अधिकार के संरक्षण की जिम्मेदारी भी अधिकारियों की होती है । जिन समस्याओं को लेकर एनटीपीसी के प्रभावित लोग लंबे समय से परेशान हैं कम से कम इस दिशा में प्रशासन को विचार मंथन करने के साथ कदम बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए