acn18.com कोरबा/ कोरबा जिले में गौण खनिज रेत की उपलब्धता अपने आप में बड़ी समस्या बनी हुई है और इसके लिए लोगों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। परेशानी को ध्यान रखते हुए खनिज विभाग ने जल्द ही लोगों को सहूलियत देना तय किया है। पांच रेत घाट को शुरू करने की योजना विभाग की हैं। इनमें से दो रेतघाट शहर के काफी नजदीक है।
कई कारणों से कोरबा जिले में रेत की चोरी और मनमाने तरीके से परिवहन के मामले जारी है । काफी लंबे समय से यह खेल चलता रहा है। रेत तस्करों की गतिविधियों के कारण अधिकृत रेट घाट चल नहीं पा रहे हैं और ऐसी स्थिति में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए संबंधित लोगों को कई गुना ज्यादा कीमत पर रेट प्राप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है । इस पूरे कारनामे पर कई सवाल खड़े होते रहे हैं। लगातार हो रही किरकिरी के बाद अब जाकर खनिज विभाग ने रेट की आपूर्ति को सुगम और सरल करने की दिशा में ध्यान दिया है। खनिज विभाग के उपसंचालक प्रमोद नायक ने बताया कि बहुत जल्द पांच स्थान पर रेत घाट शुरू करने की योजना है। इनमें से 4 के मामले में अनुबंध संबंधित प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।लोगों को परेशानियों से बचने के लिए जल्द ही रॉयल्टी की सुविधा देने का काम खनिज विभाग करने जा रहा है। संचालक ने बताया कि जिन स्थानों से लोगों को सुविधा प्राप्त होगी उनमें से दो रेट घाट शहर के पास ही है।
कोरबा जिले में कई प्रकार के कार्यों को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं । अवैध खनन और परिवहन के मामले इसमें सबसे ज्यादा है जिनकी चर्चा काफी समय से होती रही है। रेत के साथ-साथ बिजली घरों से निकलने वाली रख को मनमाने ढंग से डंप करने और इससे लोगों को हो रही परेशानी का मामला तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की भोपाल पीठ तक पहुंच गया है। सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र पांडे और रामावतार अग्रवाल के द्वारा याचिका लगाने के बाद इस दिशा में संज्ञान लिया गया और जांच कराई गई। यह मामला तब और विवादित हो गया जब दोषियों को ही जांच करने की जिम्मेदारी दे दी गई। ग्रैंड न्यूज़ के द्वारा ऐसे अवैध कार्यों को प्रमुखता से प्रसारित करते हुए सरकार की आंख खोलने की कोशिश की जा रही है। इसके कुछ परिणाम सामने भी आ रहे हैं