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छत्तीसगढ़ में अब पड़ेगी कड़ाके की ठंड:कोरिया में 10 डिग्री तक पहुंचा पारा, सरगुजा-पेण्ड्रा भी सर्द, उत्तर से आने वाली हवाएं बढ़ाएगी ठिठुरन

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acn18.com रायपुर/छत्तीसगढ़ में तेज ठंड ने दस्तक दे दी है। एक दिन के भीतर कई स्थानों पर रात का तापमान तीन डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। कोरिया में न्यूनतम तापमान 10.3 डिग्री पेण्ड्रा रोड में 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। सरगुजा में भी न्यूनतम तापमान 12 डिग्री के आसपास है। वहीं सुदूर दक्षिण के बस्तर संभाग के कुछ जिलाें में उत्तर के कुछ जिलाें से अधिक ठंड पड़ रही है।

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सामान्य तौर पर प्रदेश के सरगुजा-बिलासपुर संभाग के कई जिलाें और दुर्ग के कबीरधाम जिले में अधिक ठंड पड़ती है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। यह वहां के सामान्य न्यूनतम तापमान से एक डिग्री कम है।

पेण्ड्रा रोड में 11.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा जो सामान्य से तीन डिग्री तक कम है। रायपुर में कृषि विश्वविद्यालय के पास न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री, माना में 16.6 डिग्री और मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर में 17.3 डिग्री सेल्सियस मापा गया। यह भी सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है।

वहीं दुर्ग में यह तापमान 16.6 डिग्री, बिलासपुर में 15.4 डिग्री, राजनांदगांव में 16.1 और जगदलपुर में 15.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है। रविवार को कोरिया में प्रदेश का सबसे कम तापमान 10.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं नारायणपुर में 11.9 तापमान रिकॉर्ड हुआ है। एक दिन पहले कबीरधाम में प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री दर्ज किया गया था। बस्तर के नारायणपुर में न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री था। वहीं अंबिकापुर का तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड हुआ था। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में उत्तर से शुष्क हवाओं का आगमन हो रहा है। इसके कारण प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।

तीन-चार दिनों तक गिरेगा पारा

मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन-चार दिनों में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। आसमान साफ रहेगा और सुबह कोहरा नजर आएगा। मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा का कहना है कि तीन दिनों के बाद न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि भी होगी। मौसम में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा।

उत्तर से ठंडी हवाएं आएंगी तो तेजी से गिरेगा तापमान

बताया जा रहा है कि सामान्य तौर पर उत्तर से आती शुष्क और ठंडी हवाओं की वजह से प्रदेश का उत्तरी-पश्चिमी हिस्सा अधिक ठंडा होता है। इस बार उत्तर से शुष्क हवाएं आने लगी हैं। जैसे ही इनकी ठंडक बढ़ेगी इन क्षेत्रों में तेजी से तापमान गिरेगा। दिन के तापमान में भी गिरावट आएगी। उसके बाद ही अधिक ठंड महसूस होगी। रात का पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच जाएगा।

पिछले 10 साल में नवंबर में 13 डिग्री न्यूनतम रहा है रायपुर का पारा

प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है। हवा की दिशा उत्तरी होने के कारण अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से हल्की ठंड का अहसास होने लगा है। आल टाइम रिकार्ड की बात करें तो रायपुर में 139 साल पहले यानी 1883 में 22 नवंबर को न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री था। पिछले 10 साल में 18 नवंबर 2012 में रात का तापमान 13.3 रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत से हवा आने के कारण अब न्यूनतम तापमान में कमी आएगी। यानी ठंड में बढ़ोत्तरी होगी।

इस साल दिवाली से हल्की ठंड ने दस्तक दे दी है। प्रदेश में रिकार्ड बारिश होने के बाद भी अब मौसम विज्ञानी अच्छी ठंड की संभावना जता रहे हैं। इस सीजन में पेंड्रारोड में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक उतर चुका है। यह शीतलहर जैसी स्थिति थी। वहां रात में ओस पड़ने लगी है। पिछले 10 साल में 2012 में 17 नवंबर को वहां न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री रिकार्ड किया गया।

तब वहां शीतलहर की स्थिति थी। कोई सिस्टम नहीं होने के कारण अभी ठंड बढ़ेगी। हालांकि मंगलवार की तुलना में ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान हल्का बढ़ा है। मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में कमी आने का ट्रेंड बना रहेगा। खासकर उत्तर छत्तीसगढ़ में ज्यादा ठंड रहेगी।

बारिश का भी रिकार्ड 1930 में 70 मिमी

नवंबर में रायपुर समेत दूसरे इलाकों में बारिश का रिकार्ड रहा। ठंड के सीजन में दक्षिण भारत में बारिश का ट्रेंड रहा है। इसके असर से छत्तीसगढ़ में बारिश होती है। मौसम विभाग के अनुसार रायपुर में 2 नवंबर 1930 को 24 घंटे में 70.4 मिमी बारिश का आल टाइम रिकार्ड है। जबकि 1924 में मासिक वर्षा 138.2 मिमी का रिकार्ड है।

अस्पतालों में आने लगे सर्दी के मरीज

हल्की ठंड शुरू होने के बाद सरकारी व निजी अस्पतालों में सर्दी, खांसी व वायरल फीवर के मरीज आने लगे हैं। एक निजी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. युसूफ मेमन व सीनियर मेडिकल कंसल्टेंट डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा के अनुसार ठंड अभी ज्यादा नहीं है, लेकिन लापरवाही से लोग सर्दी, खांसी व वायरल फीवर से ग्रसित हो रहे हैं। दरअसल लोग ठंडी चीजों का सेवन भी करते हैं। इससे वे बीमार पड़ जाते हैं। गले में खराश वाले मरीज भी आ रहे हैं।

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