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चीन ने अरुणाचल की 11 जगहों के नाम बदले:5 साल में तीसरी बार ऐसी हरकत, अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है ड्रैगन

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acn18.com चीन/ चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्र की 11 जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया है। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।

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चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर मान्यता नहीं दी। वो अरुणाचल को ‘दक्षिणी तिब्बत’ का हिस्सा बताता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया है।

2017 में दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से भड़के चीन ने 6 जगहों के नाम बदल दिए थे।
2017 में दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से भड़के चीन ने 6 जगहों के नाम बदल दिए थे।

ईटानगर के नजदीकी इलाके का नाम भी बदला
चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के मुताबिक- सोमवार को चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने 11 नाम बदले जाने को मंजूरी दे दी। यह सभी इलाके जेंगनेन (चीन के दक्षिण राज्य शिजियांग का हिस्सा) में आते हैं। इनमें से 4 रिहायशी इलाके हैं। इनमें से एक इलाका अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से बेहद करीब है। 5 पहाड़ी क्षेत्र और दो नदियां हैं। चीन ने इन इलाकों के नाम मन्दारिन और तिब्बती भाषा में रखे हैं।

2021 में भारत ने कहा था- नाम बदलने से सच नहीं बदलता
3 मार्च 2023 को 11 जगहों के नाम बदले जाने पर फिलहाल भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन 2021 में चीन के ऐसे ही कदम का भारत ने भी करारा जवाब दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। नाम बदलने से सच्चाई नहीं बदलती। चीन ने 2017 में भी ऐसा ही कदम उठाया था। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा रहेगा।

क्या इससे सच में नाम बदल जाएंगे?
इसका जवाब है- नहीं। दरअसल, इसके लिए तय रूल्स और प्रॉसेस है। अगर किसी देश को, किसी जगह का नाम बदलना है तो उसे UN ग्लोबल जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट को पहले से जानकारी देनी होती है। इसके बाद, UN के जियोग्राफिक एक्सपर्ट उसे इलाके का दौरा करते हैं। इस दौरान प्रस्तावित नाम की जांच की जाती है। स्थानीय लोगों से बातचीत की जाती है। तथ्य सही होने पर नाम बदलने को मंजूरी दी जाती है और इसे रिकॉर्ड में शामिल किया जाता है।

अरुणाचल और अक्साई चिन पर भी विवाद

  • दोनों देशों में 3488 किलोमीटर लंबी LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) को लेकर विवाद है। हालांकि, चीन अरुणाचल प्रदेश वाले हिस्से को भी विवादित मानता है।
  • अरुणाचल प्रदेश की 1126 किलोमीटर लंबी सीमा चीन के साथ और 520 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ मिलती है।
  • चीन का दावा है कि अरुणाचल पारंपरिक तौर पर दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है, वहीं भारत अक्साई चिन इलाके को अपना बताता है।
  • 1962 के युद्ध में चीन ने अक्साई चिन वाले हिस्से पर कब्जा कर लिया था।

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