acn18.com नई दिल्ली/सूरत/ ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…’ इस बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। इस फैसले के 27 मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी। सुनवाई के दौरान राहुल कोर्ट में मौजूद रहे।
राहुल ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। उनके वकील के मुताबिक, ‘राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।’
उधर, कोर्ट के बाहर विधायक और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और उनके समर्थकों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए।
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राहुल पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
पढ़िए कोर्ट रूम में क्या हुआ…
- कम से कम सजा दी जाए- बचाव पक्ष के वकील : जज ने राहुल को दोषी करार देते हुए पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहते हैं? इस पर राहुल ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते रहते हैं, लेकिन जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं कहा था। राहुल ने जो बात कही थी उससे किसी को हानि नहीं हुई है तो कम से कम सजा दी जाए।
- अधिकतम सजा दी जाए- अभियोग पक्ष के वकील : वहीं, अभियोग पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी सांसद हैं। जो लोग कानून बनाते हैं, वही तोड़ेंगे तो इसका समाज में क्या संदेश जाएगा, इसलिए उन्हें अधिकतम सजा दी जाए।
राहुल IPC की धारा 500 में दोषी करार
राहुल को IPC की धारा 400 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा- इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसलिए हम किसी प्रकार की दया की याचना नहीं करते हैं।
बड़ा सवाल: क्या राहुल गांध की संसद सदस्यता जा सकती है
जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालतों में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा पाए जनप्रतिनिधियों (विधायकों-सांसदों) की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। इसी आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जो सांसद या विधायक सजा को ऊपरी अदालत में चैलेंज करेंगे, उन पर सदस्यता रद्द करने का आदेश लागू नहीं होगा।
राहुल गांधी को IPC की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। उनके वकील ने कोर्ट में कहा- हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। हायर कोर्ट में अपील करने के लिए राहुल गांधी के पास 30 दिन का वक्त है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951 के सेक्शन 8 (3) के मुताबिक 2 साल की सजा होने के बाद टेक्निकली राहुल गांधी की सदस्यता जा सकती है। बशर्ते ये सजा सुप्रीम कोर्ट से भी बरकरार रहे।
राहुल की सजा पर किसने क्या कहा
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘उन्हें जमानत मिल गई है। हम शुरू से ही जानते थे क्योंकि वे जज बदलते रहे। हम कानून, न्यायपालिका में विश्वास करते हैं और हम कानून के अनुसार इसके खिलाफ लड़ेंगे।’
- किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी मानहानि केस पर कहा- ‘मैं कुछ भी कहने से पहले ऑर्डर की कॉपी देखूंगा। राहुल गांधी जो कुछ भी बोलते हैं वह हमेशा कांग्रेस पार्टी और पूरे देश पर गलत असर डालता है। कांग्रेस के कुछ सांसदों ने मुझसे कहा है कि राहुल के रवैए से कांग्रेस को ही नुकसान हो रहा है।’
- गुजरात BJP अध्यक्ष, सीआर पाटिल ने कहा, ‘राहुल कहीं भी कुछ भी बोल देते हैं। उन्होंने पूरे समाज को बदनाम किया। इससे मोदी समाज में गुस्सा था। इसलिए आज कोर्ट ने भी उन्हें दोषी करार दिया है। राहुल गांधी जो बकवास करते हैं। वो बंद करें।’
- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा- ‘गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुकदमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि केस में फंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं, पर इस निर्णय से असहमत हैं।’
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में कहा- ‘मीडिया को भी दबाने की कोशिश की जा रही है। न्यायपालिका को प्रभावित कर रहे हैं और राजनीतिक दल के लोगों पर इस स्तर पर जाकर वे कार्रवाई कर रहे हैं।’
जानिए क्या है मानहानि का पूरा मामला
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।
पूर्णेश ने कहा था- आखिरी सांस तक लड़ेंगे
यह केस सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज किया था। पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा था। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधानमंत्री को निशाना बनाया गया था न कि पूर्णेश मोदी को।