रायपुर। दशहरा के पावन अवसर पर आज ग्रीन आर्मी ब्राम्हण पारा जोन एवं पुरानी बस्ती जोन के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिवर्षनुसार इस वर्ष भी पॉलीथिन रूपी रावण का दहन किया गया। मीडिया प्राभारी शशिकान्त यदु ने बताया कि गांव शहर कस्बा के प्रत्येक बाजार में सिंगल यूज़ पॉलीथिन धडल्ले से उपयोग किया जा रहा है।
ऐसी प्लास्टिक जो सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल के लायक को उसे सिंगल यूज प्लास्टिक कहा जाता है। जैसे प्लास्टिक की थैलियां प्याले प्लेट छोटी बोतलें, स्ट्रॉ और कुछ पाउच सिंगल यूज प्लास्टिक हैं। दरअसल आधी से ज्यादा इस तरह की प्लास्टिक पेट्रोलियम आधारित उत्पाद होते है
इनके उत्पादन पर खर्च बहुत कम आता है। यही वजह है कि रोजाना के बिजनेस और कारोबारी इकाइयों में इसका इस्तेमाल खूब होता है। स्वच्छ भारत अभियान् में पॉलीथीन सबसे बड़ी बाधा है इसीलिए लोगों से प्लास्टिक मुक्त भारत की मुहिम में योगदान देने के लिए बाजार से खरीदारी के लिए पॉलीथीन के बजाय कपड़े का थैला इस्तेमाल करने ग्रीन आर्मी संस्था अपील कर रही है। प्लास्टिक की एक थैली को नष्ट होने में 20 से 1000 साल तक लग जाते हैं जबकि एक प्लास्टिक की बोतल को 450 साल प्लास्टिक कप को 50 साल और प्लास्टिक की परत वाले पेपर कप को नष्ट होने में करीब 30 साल लगते हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण बिगड़ता पर्यावरण विश्व के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है् ऐसे में प्लास्टिक से पैदा होने वाले प्रदूषण को रोकना एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरी है प्रत्येक साल कई लाख टन प्लास्टिक उत्पादन हो रहा है और इंसान, जानवर जलिय जिव जन्तु सभी बिमार हो रहे है। इन सब पर लगाम कसने ग्रीन आर्मी संस्था द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है इसी कडी में आज प्रदेश वासियों को संदेश देने पॉलीथिन रूपी रावण का दहन किया गया।