शहर में इन दिनों पट्टा वितरण को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन ने कहा है कि झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र में रहने वाले सभी हितग्राहियों को स्थायी पट्टा दिया जाए। वर्तमान में कांग्रेस द्वारा पट्टा वितरण का ढिंढोरा पिटा जा रहा है उसमें अनेक पेच है। हालांकि भाजपा के आंदोलन के बाद ऐसा किया जा रहा है। भाजपा नेता जोगेश लांबा ने कहा कि पट्टा में खसरा, बटांकन के साथ चौहद्दी देने की भी व्यवस्था की जाए।
तिलक भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन ने कहा कि शासन ने लोगों को पट्टा देने का निर्णय लिया है वह स्वागतेय है लेकिन इसमें अनेक पेच है। खासकर सभी पात्र हितग्राहियों को स्थायी पट्टा मिले इसकी व्यवस्था की जाए। वर्तमान में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा यह ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि हजारों लोगों को पट्टा मिलेगा लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार इसमें अनेक पेच है। महज 600 स्क्वायर फीट जमीन एक हितग्राही को देने की बात कही जा रही है जबकि अनेक लोग इससे अधिक जमीन पर काबिज है, ऐसे में क्या इनके द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन पर बने मकानों को तोड़ दिया जाएगा। इसी तरह कितने पात्र लोग है इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। इसके लिए नए सिरे से सर्वे कराने की जरूरत है। पूर्व महापौर जोगेश लांबा ने कहा कि शासकीय कर्मियों को इससे वंचित रखा गया है। यह काफी अनुचित है। इसी तरह पट्टे में खसरा क्रमांक, बटांकन व चौहद्दी की भी व्यवस्था हो ताकि लोगों को विधिवत शासकीय भूमि का हक मिल सके। खासकर बी-1 खसरा नंबर नहीं होने की वजह से इस जमीन का महत्व नहीं रह जाएगा। इसके अलावा इसमें अनेक पेच है जिसे स्पष्ट करने की जरूरत है। नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि निगम क्षेत्र में पट्टे को लेकर शासन द्वारा कब सर्वे कराया गया इसकी जानकारी किसी भी पार्षद को नहीं है। ऐसे में कांग्रेसी फर्जी बातें कर रहे हैं जबकि इसे सार्वजनिक तौर पर किया जाना चाहिए था। पत्रवार्ता के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल मोदी, देवेन्द्र पाण्डेय, नवीन पटेल, लक्ष्मण श्रीवास सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
0 इन जगहों को लेकर संशय
पट्टा वितरण को लेकर प्रथम दृष्टया जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार एसईसीएल की जमीन में निवासरत लगभग ढाई हजार लोगों को पट्टा दिया जाना है। इसी तरह बुधवारी बाजार के कुछ हितग्राही इससे लाभान्वित होंगे। जबकि एनटीपीसी, बालको, सिंचाई विभाग, सीएसईबी पूर्व के कांशीनगर, पथर्रीपारा, पश्चिम क्षेत्र में स्थित सीएसईबी की जमीन पर काबिज लोगों को पट्टा मिल पाएगा इसे लेकर संशय है क्योंकि प्रशासन द्वारा जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार इन जगहों की जमीन को नजूल विभाग में हस्तांतरण किए जाने को लेकर अधिकारीगण विभाग के प्रमुखों से अभी चर्चा करेंगे। ऐसे में समझा जा सकता है कि यहां की जमीन को लेकर पेच फंसा हुआ है।
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