Acn18.com/चंद्रयान-3 की लैंडिंग प्रोसेस शुरू हो गई है। वह अपनी कक्षा से चंद्रमा की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। लैंडर वर्टिकल पोजिशन पर आ गया है। कुछ देर बाद ही वह चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा। मिशन कामयाब रहा, तो भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
इसरो ने चंद्रयान को श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया था। 41वें दिन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की प्लानिंग की गई है। इसरो का कहना है कि मिशन के सभी सिस्टम नॉर्मल हैं और उसकी लगातार जांच की जा रही है। लैंडिंग के एक घंटे 50 मिनट बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकलेगा। इतने समय में लैंडिंग की वजह से उड़ने वाली धूल शांत हो जाएगी।
50 साइंटिस्ट की रात आंखों में कटी, कमांड सेंटर में उत्साह-बेचैनी का माहौल
ISRO के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री एंड कमांड सेंटर (इस्ट्रैक) के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (मॉक्स) में 50 से ज्यादा वैज्ञानिक कंप्यूटर पर चंद्रयान-3 से मिल रहे आंकड़ों की रात भर पड़ताल में जुटे रहे। वे लैंडर को इनपुट भेज रहे हैं, ताकि लैंडिंग के समय गलत फैसला लेने की हर गुंजाइश खत्म हो जाए।
सभी सांकेतिक भाषा में बात कर रहे हैं। कमांड सेंटर में उत्साह-बेचैनी का मिला-जुला माहौल है। ISRO वैज्ञानिक बेंगलुरु स्थित ISRO टेलिमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक) और ब्यालालू गांव स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क पर मिल रहे डेटा के अलावा यूरोपियन स्पेस एजेंसी के जर्मनी स्थित स्टेशन, ऑस्ट्रेलिया और नासा के डीप स्पेस नेटवर्क से रियल टाइम डेटा लेकर वेरिफिकेशन कर रहे हैं।