मणिपुर में सुरक्षाबलों और मैतेई समुदाय के बीच पिछले 24 घंटे से झड़प जारी है। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। ये हिंसक झड़प टेराखोंगसांगबी कांगवे और थोरबुंग में हुई हैं। यह इलाका कुकी-मैतेई के बीच का बॉर्डर है, जो बफर जोन कहलाता है।
हमलावर बफर जोन क्रॉस करने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षाबलों ने जब रोका तो इनके बीच झड़प शुरु हो गई। इस दौरान फायरिंग भी की गई। सुरक्षाबलों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
मणिपुर में 3 बड़ी घटनाएं…
3 अगस्त : महिलाओं का प्रदर्शन, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
तीन दिन पहले मैतेई महिलाओं (मीरा पाइबीज) और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई थी, तब सुरक्षाबलों ने महिलाओं को हटाने के लिए स्मोक बॉम्ब और टीयर शेल्स छोड़े थे और हवाई फायरिंग की थी।
महिलाओं के पीछे हटने के बाद सैंकड़ों हथियार बंद लोगों ने मोर्चा संभाल लिया था और आशंका जताई जा रही थी कि सुरक्षाबलों और हथियारबंद लोगों के बीच गन फाइट हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक हाल में हुई मौतें इसी गनफाइट का नतीजा हैं।
इलाके में अभी भी फायरिंग जारी है।
3 अगस्त : इंफाल वेस्ट में एक पुलिसकर्मी की मौत
इंफाल वेस्ट पर उग्रवादियों की गोली लगने से एक पुलिसकर्मी ऋषि की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पहाड़ी इलाके से एक स्नाइपर ने निशाना लगाकर पुलिसकर्मी के सिर में गोली मारी थी। जिसके बाद मौके पर उनकी मौत हो गई।
3 अगस्त : भीड़ ने लूटे 20 हजार से ज्यादा कारतूस
3 अगस्त को मणिपुर में भीड़ ने दो थानों पर हमला कर दिया था। भीड़ ने मोइरंग थाने पर हमला कर 685 हथियार और लगभग 20 हजार से ज्यादा कारतूस लूट लिए।
लूटे गए हथियारों में एके-47, इंसास राइफल्स, हैंड गन, मोर्टार, कार्बाइन, हैंडग्रेनेड और बम शामिल हैं। भीड़ ने बिष्णुपुर के ही नारानसेना थाने पर भी हमला किया, लेकिन यहां से लूटे गए हथियारों का ब्योरा जारी नहीं हुआ है।
मणिपुर में अब तक 4000 हथियार और एक लाख से अधिक कारतूस विभिन्न पुलिस थानों और आर्मरी से लूटे जा चुके हैं, 1600 हथियार ही वापस हुए है।