ACN18.COM कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश हो रहे हैं। उनसे नेशनल हेराल्ड के मामले में पूछताछ की जाएगी। वहीं, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अब 23 जून को पेश होना है। सोनिया अभी कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। ऐसे में आइये जानते हैं आखिर ये नेशनल हेराल्ड का मामला क्या है?
पहले जान लीजिए क्या है नेशनल हेराल्ड?
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए।
भले ही AJL के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।