'राजभवन में कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां':आबकारी मंत्री कवासी लखमा बोले- राज्यपाल सच्ची आदिवासी हैं, तो आरक्षण बिल पर दस्तखत करें pic.twitter.com/CAAmOV5xPO
— acn18.com (@acn18news) December 18, 2022
acn18.com जगदलपुर/हमारे नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल न कभी थके हैं, न कभी ठगे हैं। सरकार बनते ही 2 घंटे के अंदर किसानों का कर्ज माफ करने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। छत्तीसगढ़ के राजभवन में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अगर राज्यपाल सच्ची आदिवासी हैं, तो वे आरक्षण के बिल पर दस्तखत करें। दरअसल, ये बातें छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कोंटा में मीडिया से कही है।
शनिवार को कवासी लखमा अपने विधानसभा क्षेत्र कोंटा के दौरे पर थे। यहां गौरव दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। कवासी लखमा ने कहा कि, आरक्षण की यह लड़ाई बहुत आगे तक जाएगी। यह आदिवासी, पिछड़ा वर्ग का प्रदेश है। मैं राज्यपाल का बहुत सम्मान करता हूं। उनके पद की एक गरिमा है और वे उस पद की गरिमा को सड़क पर मत लाएं।
उन्होंने कहा कि, राज्यपाल ने बड़ी-बड़ी बातें की थी कि विधानसभा में जैसे ही आरक्षण बिल पास होगा मैं दस्तखत कर दूंगी। लेकिन, कई दिन गुजर गए उन्होंने दस्तखत नहीं किए। भाजपा ने राज्यपाल को गुमराह कर दिया। आज वे कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं। यदि आरक्षण बिल पास नहीं होता है तो हम सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ेंगे।
कवासी लखमा ने कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल को 4 साल पूरे हो गए हैं। सरकार ने भूमिहीन किसानों को पट्टा दिया। पढ़े लिखे युवाओं की पुलिस में भर्ती हुई है। केंद्र सरकार रोजगार नहीं दे रही। लेकिन हमारी सरकार ने युवाओं को रोजगार दिया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, BJP आदिवासी और पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी है। इनका चेहरा अब उजागर हुआ है।
कोरोना के समय सरकार ने किया बेहतर काम
आबकारी मंत्री ने कहा कि, कोरोना काल के समय हमारी सरकार ने बेहतर काम किए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बंगला में बैठक अधिकारियों को कंट्रोल किए। दिल्ली मुंबई गुजरात कर्नाटक उत्तर प्रदेश समेत अन्य जगहों पर भी छत्तीसगढ़ से ऑक्सीजन गया है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने प्रदेश की जनता के साथ देश की जनता का भी ख्याल रखा है।
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