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BHU में भाषण देकर वायरल हुईं रायपुर की नम्रता:स्टूडेंट की बातों ने अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का खींचा ध्यान, बजाने लगे तालियां..देखिए वीडियो

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acn18.com रायपुर/बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में हुए काशी- तमिल संगमम कार्यक्रम मैं एक स्टूडेंट के भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है । स्टेज पर दमदार अंदाज में हिंदी और तमिल में बात करती हुई लड़की का अंदाज देखकर देश के गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तालियां बजाते रहे।

इस स्टूडेंट का नाम नम्रता वर्मा है। नम्रता वर्मा रायपुर की ही रहने वाली हैं। इन दिनों बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही हैं। काशी तमिल संगम कार्यक्रम में नम्रता को भी भाषण देने का मौका मिला और अपने अनोखे अंदाज से नम्रता ने सभी का ध्यान खींचा।

हिंदी में नम्रता ने मदन मोहन मालवीय को महामना कहते हुए उन्हें प्रणाम किया और तमिल बोलते हुए तमिलनाडु से आए लोगों को वनक्कम भी कहा। काशी तमिल संगम कार्यक्रम के समापन समारोह में नम्रता ने यह भी कहा कि यह देश के अलग-अलग प्रांतों अलग-अलग बोली भाषा में व्यवहार करने वालों के मिलन का शुभारंभ भी है

नम्रता ने ये कविता भी सुनाई

नम्रता ने अपने भाषण के दौरान प्रसिद्ध कवि सुब्रमण्यम भारती की कविता ‘यह है भारत देश हमारा’ भी सुनाई । जिसे सुनकर देश के गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ताली बजाने से खुद को रोक नहीं पाए-

यह है देश हमारा भारत, पूर्ण ज्ञान का शुभ्र निकेतन, यह है देश जहां पर बरसी, बुद्धदेव की करुणा चेतन, है महान, अति भव्य पुरातन, गूंजेगा यह गान हमारा, है क्या हम-सा कोई जग में, यह है भारत देश हमारा।

विघ्नों का दल चढ़ आए तो, उन्हें देख भयभीत न होंगे,अब न रहेंगे दलित-दीन हम, कहीं किसी से हीन न होंगे,क्षुद्र स्वार्थ की ख़ातिर हम तो, कभी न ओछे कर्म करेंगे,पुण्यभूमि यह भारत माता, जग की हम तो भीख न लेंगे।

मिसरी-मधु-मेवा-फल सारे, देती हमको सदा यही है, कदली, चावल, अन्न विविध अरु क्षीर सुधामय लुटा रही है, आर्य-भूमि उत्कर्षमयी यह, गूंजेगा यह गान हमारा, कौन करेगा समता इसकी, महिमामय यह देश हमारा।

काशी में बोले अमित शाह

कार्यक्रम में आए गृहमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘काशी-तमिल संगमम’ की कल्पना की पूर्णाहुति होने जा रही है। ये शुरुआत है। भारतीय संस्कृति के दो ऊंचे शिखर है। इसमें तमिलनाडु और काशी की संस्कृति,आती है। तमिलनाडु संस्कृति में दर्शन, भाषा, कला, ज्ञान की विश्व में मान्यता है। ऐसी काशी की सांस्कृतिक विरासत के मिलन की शुरुआत है।”

लंबे समय से हमारे देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री ने ‘काशी-तमिल संगमम’ के माध्यम से सदियों बाद ये प्रयास किया है। ये प्रयास पूरे देश की भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने का सफल प्रयास सिद्ध होगा। गुलामी के एक लंबे काल खंड में हमारी संस्कृति और विरासत को मलिन करने का प्रयास किया गया है।”

PM मोदी ने की थी शुरुआत

दरअसल 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी और तमिल की पुरानी संस्कृति को जिंदा करने के लिए वाराणसी में संगमम का आगाज किया था। तकरीबन एक महीने तक चले समारोह में तमिलनाडु और काशी की साझा संस्कृतियों से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। मामले के राजनैतिक निहितार्थ को लेकर कहा गया कि इसके जरिए भारतीय जनता पार्टी दक्षिण में अपने पांव मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

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