Acn18.com/पश्चिम बंगाल की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर शनिवार सुबह 7 बजे मतदान जारी है। बाकी 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं। 1 बजे तक 36.66% मतदान हुआ है।
सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। कई इलाकों से बूथ लूटने, बैलेट पेपर फाड़ने, बैलेट पेपर में आग लगाने की घटनाएं देखी गईं। कूच बिहार के माथभंगा-1 ब्लॉक के हजराहाट गांव में एक युवक बैलेट बॉक्स लेकर भाग गया।
साउथ 24 परगना के भांगड़ ब्लॉक के जमीरगाछी में इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (ISF) और TMC कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। यहां गांव के लोगों ने बताया कि TMC के लोग थैले में भरकर बम लाए थे।TMC कार्यकर्ता गांव के लोगों के डराकर वोट डलवा रहे थे। उन्होंने इतने बम फेंके कि 2 घंटे तक पोलिंग रुकी रही। कुछ बम मीडियो वालों की तरफ भी फेंके। फिलहाल यहां सेंट्रल फोर्स तैनात किया गया है।
पिछले 24 घंटों में चुनावी हिंसा में छह जिलों में 11 लोगों के मरने की खबर है। मरने वालों में छह TMC कार्यकर्ता, एक कांग्रेस कार्यकर्ता, एक CPI(M) कार्यकर्ता, एक भाजपा कार्यकर्ता, एक ISF कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार का पोलिंग एजेंट शामिल है। 9 जून से अब तक हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या 28 हो चुकी है।
पंचायत चुनाव की तस्वीरें…
मतदान से जुड़े अपडेट्स
- गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा, ‘मैं सुबह से फील्ड पर निकला हूं। मुझे लोगों ने बताया कि कैसे गुंडे उन्हें वोट डालने नहीं दे रहे हैं। चुनाव बैलेट से लड़ा जाना चाहिए बुलेट से नहीं।’
- पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम ब्लॉक 1 के रेजिडेंट्स ने TMC पर बूथ कैप्चर करने का आरोप लगाते हुए इलेक्शन का बॉयकॉट किया। लोगों ने सेंट्रल फोर्स की तैनाती की मांग की।
- हुगली के आरामबाग में निर्दलीय उम्मीदवार जहांआरा बेगम के एजेंट को TMC कार्यकर्ताओं ने गोली मार दी।
- हुगली के तारेकेश्वर में एक निर्दलीय उम्मीदवार की बेटी को गोली मारी गई। लोगों का आरोप है कि गोली TMC कार्यकर्ताओं ने मारी है।
- कोलकाता में BSF के इंस्पेक्टर जनरल एस सी बुदाकोटी ने पश्चिम बंगाल के इलेक्शन कमिश्नर से मुलाकात की।
- उत्तर दिनाजपुर के गोलपोखर के ब्लॉक-1 के बूथ संख्या 145 पर उपद्रवियों ने पोलिंग अधिकारी मोहम्मद खैरुल के साथ मारपीट की और मतदान केंद्र में घुसकर वोट डाले।
- नादिया जिले के महेशनगर गांव में मतदान पेटियां लूटने आए करीब 30 बदमाशों को गांव वालों ने घेर लिया। इनमें से एक बदमाश को लोगों ने पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा।
- बचकर भाग रहे बदमाश तीन बाइक वहीं छोड़ गए थे, जिनमें गांव वालों ने आग लगा दी। पकड़े गए बदमाश को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
- कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कलकत्ता हाईकोर्ट ने ग्रामीण चुनावों को अमान्य घोषित करने की मांग की है।
छह जिलों में 11 लोगों की मौत हुई
TMC: शनिवार सुबह मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और कूचबिहार के तूफानगंज में दो पार्टी कार्यकर्ताओं, जबकि मालदा के मानिक चौक में TMC नेता के रिश्तेदार की हत्या कर दी गई। इससे पहले शुक्रवार रात मुर्शिदाबाद के कपासदांगा, रेजीनगर और खारग्राम में तीन कार्यकर्ता मारे गए थे।
कांग्रेस: मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में यास्मीन एसके नाम के कांग्रेस कार्यकर्ता का मर्डर कर दिया गया।
CPI(M): पूर्वी बर्दवान में शुक्रवार रात 32 साल के CPI(M) कार्यकर्ता रजिबुल हक को गोली मार दी गई थी। शनिवार सुबह उसने कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया।
BJP: कूचबिहार के फलिमारी में शनिवार सुबह भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
ISF: नादिया जिले के हरिनघाटा इलाके में TMC से झड़प में ISF कार्यकर्ता की मौत हो गई। मृतक की पहचान 48 साल के सइदुल शेख के तौर पर हुई है।
निर्दलीय: उत्तरी 24 परगना के पीरगाछा में एक निर्दलीय उम्मीदवार के बूथ एजेंट अबदुल्ला की हत्या कर दी गई।
9,013 सीटों पर निर्विरोध चुने गए हैं उम्मीदवार
राज्य में ग्राम पंचायत की कुल 73,887 सीटें हैं, जिनमें से 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं। वहीं, भाजपा के 63 उम्मीदवार, कांग्रेस के 40 और CPM के 36 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे।
साल 2018 के पंचायत चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 58,692 में से 20,078 यानी 34.2% सीटों पर फैसला निर्विरोध रहा था। इनमें से करीब सभी सीटें TMC ने जीती थीं।
TMC के 61,591 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा
बंगाल में पंचायत चुनाव का शेड्यूल 8 जून को जारी हुआ था। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 जून थी। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव के लिए दाखिल किए गए नामांकन में सत्ताधारी TMC आगे रही। राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, सबसे ज्यादा TMC के 61,591 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है, जो करीब 97% है।
दूसरे नंबर पर भाजपा है, जिसने 60% सीटों पर 38,475 उम्मीदवार उतारे हैं। CPIM ने 56% सीटों पर (35,411) प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि, ग्राम पंचायत में प्रत्याशियों के मामले में कांग्रेस निर्दलीय उम्मीदवारों से भी पीछे रह गई है। जहां 16,335 निर्दलीय ने नामांकन भरा है, जबकि कांग्रेस की तरफ से सिर्फ 11,774 नामांकन दाखिल हुए हैं।
कांग्रेस-CPM में समझौता
बंगाल की कुछ सीटों पर कांग्रेस-CPM ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। इसी तरह, आम आदमी पार्टी ने भी TMC के साथ कोई मुकाबला नहीं करते हुए अपना उम्मीदवार इस चुनाव में नहीं उतारा है। NPP ने भी कोई दावेदारी पेश नहीं की है।
धांधली: हज पर गए तृणमूल प्रत्याशी का पर्चा भरा, मामला कोर्ट पहुंचा तो रद्द
उत्तर 24 परगना में मिनाखां कुमारजोल ग्राम पंचायत के तृणमूल प्रत्याशी मेहरुद्दीन 4 जून से हज पर गए थे। वे 16 जुलाई को लौटेंगे, लेकिन उनके विदेश में रहने के बावजूद यहां नामांकन पत्र दाखिल हो गया। इस पर CPM कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंची तो आयोग ने नामांकन खारिज कर दिया। आयोग ने बताया कि नामांकन प्रक्रिया में तकनीकी खामी थी। अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
सबसे बुजुर्ग और सबसे युवा प्रत्याशी
पश्चिम बर्दवान जिले के अमलाजोड़ा ग्राम पंचायत में BJP की उम्मीदवार 85 वर्षीय उमा रानी मिश्रा का कहना है कि सेवा के लिए कोई उम्र नहीं होती। दक्षिण दिनाजपुर के धलपाड़ा ग्राम पंचायत से 23 साल की चुमकी घोष को TMC ने टिकट दिया है। मात्र 2 फुट की कदकाठी की चुमकी घोष हिली गवर्नमेंट कॉलेज में थर्ड इयर की छात्रा हैं।
मालदा गांव में सुविधा नहीं होने तक वोट देने वाले पर 10 हजार का जुर्माना
मालदा जिले का बड़ जगदीशपुर ग्राम। यहां सड़क, बिजली और पानी की सुविधा नहीं होने से गांव के लोगों ने मांग पूरी नहीं होने तक वोट का बहिष्कार किया है। ग्रामवासियों ने आपसी सहमति से फैसला लिया है कि अगर किसी दबाव में आकर कोई वोट देता है तो उसे 10 हजार का जुर्माना देना होगा। गांव की जूही बर्मन कहती है कि यहां समस्या होने से बेटे-बेटियों की शादी में भी परेशानी होती है।
कार्यकर्ताओं की घर वापसी से छुपा रुस्तम बन सकती है CPM
34 साल तक बंगाल पर राज करने वाली CPM इस पंचायत चुनाव में दमखम दिखाने को तैयार हैं। ग्रामीण इलाकों में पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास करने वाली भाजपा के लिए CPM खतरे की घंटी है। अभी बंगाल से CPM का न तो कोई विधायक है और न ही कोई सांसद, लेकिन बीते दो साल में तस्वीर काफी बदली है।
पॉलिटिकल एनिलिस्ट का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के आतंक के कारण वामपंथी पार्टी के जो वोटर भाजपा के पाले में चले गए थे उनकी वापसी हो रही है। मुर्शिदाबाद जिले की एक सीट पर बीते मार्च में हुए उपचुनाव में कांग्रेस-CPM गठजोड़ के उम्मीदवार की जीत इसका बड़ा सबूत है। राज्य के 10 जिलों में भाजपा मजबूत विपक्ष के तौर पर नजर आ रही है, तो 10 पर CPM-कांग्रेस गठजोड़ है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले में CPM तृणमूल से मुकाबला कर रही है।