छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस डब्ल्यू ए शिशाक का शुक्रवार को 82 साल की आयु में निधन हो गया। उनका इलाज इंफाल में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। जब हाईकोर्ट में उन्हें चीफ जस्टिस बनाया गया, तब समारोह में उन्होंने कहा था कि जो कहो, वही करो, अगर हम अपने कहने के सिवाय दूसरा कुछ करते हैं, तब कोई हम पर भरोसा नहीं करेगा और लोगों का भरोसा टूट जाएगा। उनका कहना था कि अगर कोई मेरी विद्वता पर सवाल उठाए तो स्वीकार है। लेकिन, मैं पक्षपात का आरोप नहीं झेल सकता। बता दें वे देश के नागा जनजाति वर्ग के पहले जज और चीफ जस्टिस थे।
उनके निधन की खबर मिलने पर शुक्रवार को हाईकोर्ट परिसर में शोकसभा हुई। इसमें चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा सहित सभी जस्टिस, अतिरिक्त महाधिवक्ता राघवेन्द्र प्रधान, छग राज्य विधिक परिषद के प्रतिनिधि प्रफुल्ल एन. भारत, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा, हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान सहित और अन्य अधिवक्ताओं ने पूर्व चीफ जस्टिस शिशाक को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि न्यायिक क्षेत्र में उनकी योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।