सनातन को लेकर डीएमके नेता ए राजा और उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर सीनियर एडवोकेट विनीत जिंदल ने 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि पुलिस को दोनों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दे। याचिका में दिल्ली और चेन्नई पुलिस को अवमानना नोटिस जारी करने की भी मांग की है।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल 2023 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हेट स्पीच के मामलों में केस दर्ज करने का निर्देश दिया था। भले ही कोई शिकायत न की गई हो। इसके बाद भी दिल्ली और चेन्नई पुलिस ने मामलों में केस न दर्ज कर कोर्ट की अवमानना की है।
डीएमके नेताओं की तरफ से सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिए जा रहे हैं। ताजा टिप्पणी पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा की है। इसमें उन्होंने कथित रूप से एक सभा में सनातन धर्म को एचआईवी (एड्स) और कोढ़ जैसा बता दिया।
राजा के बयान को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपमानजनक करार दिया। प्रधान ने कहा कि नाम बदलने से किसी का चरित्र और इरादा नहीं बदल जाता। राजा का सनातन धर्म पर दिया गया बयान इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) का मानसिक दिवालियापन और हिंदूफोबिया (हिंदू से डर) दिखाता है। देश देख रहा है कि कांग्रेस और उसके दोस्त भारत की आत्मा और जड़ों को गंदा कर रहे हैं।
सनातन विरोधी बयान पर उदयनिधि की सफाई
तमिलनाडु CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। 4 दिन बाद 7 सितंबर को उन्होंने पहली बार सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी धर्म का दुश्मन नहीं हूं। मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया।’ उदयनिधि ने गुरुवार को 4 पेज के स्टेटमेंट में अपनी बातों को साफ किया।
इसी के साथ उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन ने बेटे का बचाव किया। स्टालिन ने सोशल मीडिया पर बयान पोस्ट किया – भाजपा ने झूठी कहानी फैलाई है। पीएम ने भी बिना सच जाने इस पर कमेंट किया। दरअसल, बुधवार 6 सितंबर को मंत्रिपरिषद की एक बैठक में पीएम ने सभी मंत्रियों को सनातन विवाद पर सख्त जवाब देने की बात कही थी।