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अस्थायी मंदिर में रामलला का जन्मोत्सव, तस्वीरें:सोने का मुकुट, कनाडा के फूलों से सजावट; अगले साल 1800 करो‌ड़ के भव्य मंदिर में विराजेंगे

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अयोध्या में रामनवमी पर गुरुवार को दोपहर 12 बजे भगवान राम प्रकट हुए। इसी बीच कनक भवन, श्रीराम जन्मभूमि सहित 10 हजार से ज्यादा मंदिरों में मंगल गीत गूंजने लगे। कनक भवन में गुब्बारे फोड़े गए। पुष्प वर्षा की गई। जन्मभूमि दरबार सहित पूरे मंदिर को 50 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। सजावट के लिए हरी पत्तियां असम-ओडिशा से मंगवाई हैं। गेंदा फूल कोलकाता जबकि ऑर्किड कनाडा से मंगाए गए हैं। 10 हजार मंदिरों में देशभर से करीब 25 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला की रामनवमी पर पहली तस्वीरें सामने आईं। इसमें रामलला पीले वस्त्र, सोने का मुकुट और हार पहनाया गया है।

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अस्थायी राम मंदिर में यह आखिरी जन्मोत्सव है। अगले साल यानी 2024 की रामनवमी से पहले रामलला नए मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। श्रीराम का मंदिर 1800 करोड़ रुपए से बन रहा है। जन्मभूमि के अलावा, कनक भवन, श्रीरामवल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला और हनुमत निवास समेत रामनगरी के 10 हजार मंदिरों में मंगल ध्वनि गूंज रही है।

योगी सरकार ने अयोध्या के हवाई दर्शन की व्यवस्था की है। 29 मार्च से शुरू हुआ यह दर्शन अगले 15 दिनों तक चलेगा। पहले दिन 50 श्रद्धालु और दूसरे दिन 20 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। एक बार में 7 दर्शनार्थी अयोध्या का भ्रमण कर सकेंगे। श्रद्धालुओं को 7 से 10 मिनट आसमान से राम नगरी को देखने का अवसर मिलता है। सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक यात्रियों को यह सुविधा दी जा रही है। इसके लिए हर दर्शनार्थी को 3 हजार रुपए देना होगा। राज्य पर्यटन विकास निगम के अधिकारी अक्षय नागर ने बताया, “ये हेलिकॉप्टर सेवा 2024 में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के पहले का रिहर्सल भी है।”

रामलला का दरबार सुबह सात बजे दर्शन के लिए खुला। कनक भवन में दर्शन 8 बजे से शुरू हुए। इसी तरह श्रीरामवल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला, सियाराम किला, रामलला सदन, अशर्फी भवन, जानकी महल ट्रस्ट, मंत्रार्थ मंडपम, मणिराम दास जी की छावनी, दशरथ महल, जानकीघाट बड़ा स्थान, रंग महल, बड़ा भक्तमाल, राम वैदेही मंदिर, कोसलेश सदन, सनकादिक आश्रम आदि मंदिरों में भी सुबह से दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया है।

प्रसिद्ध वैष्णव पीठ श्रीरामवल्लभाकुंज में दिल्ली से 5 क्विंटल गेंदा और इसके अलावा बेला, गुलाब आदि फूल मंगाए गए हैं। भगवान के सामने जगमोहन की छत को बेला से सजाया गया है। फूलों के भव्य झूमर लगाए गए हैं। प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर के गर्भगृह को भव्य रूप से सजाया गया है। मंदिर के प्रमुख और अयोध्या एडवर्ड तीर्थ विवेचिनी सभा के अध्यक्ष स्वामी राजकुमार दास ने बताया कि भगवान को सोने का मुकुट और दिव्य रत्नों से युक्त हार आदि पहनाया गया है।

रामनवमी पर अयोध्या के मंदिरों में बधाई गायन की धूम है। हनुमत निवास मंदिर में आचार्य डॉक्टर मिथिलेशनंदिनी शरण के सानिध्य में जनकपुर से आईं मिथिलानियों ने ‘हो रही जय जय कार अवध नगरिया में… सज रहे बंदनवार अवध नगरिया में… चलो चलो रे कौशिल्या के द्वार, जन्मे रामलला, लिया विष्णु ने रामावतार… आदि बधाई गीत का गायन-वादन और नृत्य किया। उनकी भक्ति और समर्पण देख संत और श्रद्धालु मुग्ध रहे। सरयू के तट पर स्थित लक्ष्मण किला में बधाइयां सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही हैं।

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