Acn18.com/रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन के अवसर पर 3 जून को सुप्रसिद्ध भजन गायिका मैथिली ठाकुर और जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने शिरकत की। दोनों ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया। भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने जय जोहार कहकर छत्तीसगढ़वासियों को संबोधित किया।
मौथिली ठाकुर ने कहा कि मैं भगवान राम के ननिहाल में उनके ससुराल से आई हूं। उन्होंने छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में उनके द्वारा प्रस्तुत मिथिला के लोक गीतों का ऐसा जादू चला कि मुख्यमंत्री और उनके साथ अन्य अतिथि भी अपनी जगह से उठकर झूमने लगे। भजन गायिका मैथिली ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ के गीतों में गहरी रूचि रखते हैं, तो मिथिला के लोक गीतों का भी उतना ही आदर करते हैं।
भजन गायिका ने मैथिली लोक गीतों के जरिए श्रीराम के मिथिला प्रवास का सुन्दर वर्णन किया। मिथिला के लोक गीतों में मासूम शरारत होती है। ऐसा ही जनकपुर में आने पर मिथिला के अतिथियों के साथ होता है। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में विश्वामित्र और राजा दशरथ से भी प्रश्न कर लिया कि लोग अपने राजाओं से कितने करीब होते थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अतिथियों ने मंच पर पहुंचकर मैथिली ठाकुर को पुष्प गुच्छ और रामचरित मानस की प्रति भेंटकर सम्मानित किया।
कुमार विश्वास ने श्रीराम की महिमा का किया वर्णन
वहीं मशहूर कवि कुमार विश्वास ने ‘अपने-अपने राम’ की थीम पर मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि राजा वही, जो गरीब के साथ इंसाफ करे, शबरी के बेर खाकर जमाने को मोड़ दे। छत्तीसगढ़वासी भाग्यशाली हैं, जो उन्हें कौशल्या जैसी मां मिली। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि अभिज्ञान शाकुंतलम का दुष्यंत हिरण के पीछे भाग रहा है, उसे ऋषि कुमार रोक देते हैं, यह भारत का लोकतंत्र है। उन्होंने प्रदेश में केलो नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों की भी प्रशंसा की।
कार्यक्रम की प्रस्तुति आरंभ करने से पहले कवि कुमार विश्वास ने ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में अपनी जान गंवाने वालों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मैं यहां पिछले 30 वर्षों से आ रहा हूं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरे राम का यहां इतना गहरा प्रभाव है। लोग कहते हैं कि आपके प्रदेश में क्या मिलेगा, तो अब मैं पूरे विश्व को बताऊंगा कि यहां शबरी और कौशल्या के राम मिलेंगे।
कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें भगवान श्रीराम के लिए इतना सुंदर कार्य करने का अवसर मिला है, यह सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मेघदूतम में भी लिखा गया है कि यहां के लोग सौभाग्यशाली हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अगर भगवान श्रीराम से प्रभावित नहीं होते, तो वे अंग्रेजों से इतनी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ पाते। गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा कि शंकर जी पार्वती मैया को कहते हैं कि रामकथा संशय नष्ट करती है। मैं राम पर इसलिए कह रहा हूं कि ये कथा सबसे पहले वाल्मीकि ने सुनाई, फिर तुलसीदास जी ने, तमिल रामायण के रचियता कम्बन ने भी सुनाई। ये हमारी परंपरा है और मैं इसका निर्वाह कर रहा हूं।
उन्होंने बताया कि एक सांसद शम्सी मीनाई लोहिया के शिष्य थे। उनकी कविता कुमार विश्वास ने सुनाई- ”मैं राम पर लिखूं मेरी हिम्मत नहीं है कुछ, तुलसी और वाल्मीकि ने छोड़ा नहीं है कुछ, लेकिन वतन की खाक से बाहर नहीं हूं मैं, वो राम जिसका नाम है जादू लिए हुए।” और इस प्रकार राम का चरित्र है। राम और भरत का कोमल प्रसंग सुनकर आम जनता के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी भावुक हो गए।