acn18.com कोरबा/क्या आपका उपभोक्ता वास्तविक है या नहीं, यह जानने के इरादे से की जाने वाली प्रक्रिया का नाम है केवाईसी। अलग-अलग कारणों से कई संस्थाएं उपभोक्ता आधारित व्यवस्था के अंतर्गत इस काम को करती हैं। नई सरकार के बनने के बाद एक बार फिर से राशन कार्ड के सत्यापन और नवीनीकरण की प्रक्रिया की जानी है। इसलिए राशन कार्ड धारी उपभोक्ता समय से पहले इस काम को करने की मानसिकता में है।
रियायती मूल्य पर खाद्यान्न और अन्य सामग्री लोगों को देने के लिए सार्वजनिक उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं। नागरिकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से इस प्रकार की व्यवस्था का संचालन देश भर में हो रहा है और इसके माध्यम से लोगों को सहूलियत दी जा रही है। बीते वर्षों में कई प्रकार कैसे मामले सामने आए जिनमें स्पष्ट हुआ है कि फर्जी तरीके से भी उपभोक्ता राशन कार्ड के साथ सरकारी सुविधा का लाभ ले रहे हैं और इसके माध्यम से सरकार को चपत लग रही है। इसलिए अब राशन कार्ड के नवीनीकरण और सत्यापन के काम को शुरू कराया गया है। इसलिए राशन दुकानों में केवाईसी करने को लेकर अब भीड़ लग रही है। एक उपभोक्ता ने बताया कि उसे लगता है कि यह काम जरूरी है इसलिए अब इस बारे में विचार किया गया है। सार्वजनिक उचित मूल्य की दुकान का संचालन करने वाले शुभम यादव ने बताया कि अंतिम रूप से 29 फरवरी तक केवाईसी की प्रक्रिया की जानी है। इस दौरान जो उपभोक्ता शेष रह जाएंगे, उनके बारे में प्रशासन से निर्देश मिलने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी मिली है कि विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की योजना का लाभ लेने के लिए बहुत सारे फर्जी गरीबों ने अपने नाम जुड़वा लिए हैं और हर महीने नियमित रूप से सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि जो लोग रिकॉर्ड में गरीबी रेखा में खुद को जीवन यापन करने वाला बताते हैं वह बड़ी मात्रा में खाद्यान्न लेने के लिए चार पहिया वाहन में पहुंचते हैं। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि पूरी प्रक्रिया में किस कदर गड़बड़झाला चल रहा है। शायद यही वजह है कि वास्तविक स्थिति की पड़ताल करने के लिए कई मौके पर अलग-अलग अभियान चलाने पड़ जाते हैं