Acn18.com/भोपाल में ऑनलाइन ऐप के जाल में फंसे एक दंपती ने अपने दो बेटों को जहर देकर मार डाला, फिर सुसाइड कर लिया। गुरुवार को दंपती के शव घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले। दोनों बेटों को जहर देने की आशंका है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें कर्ज का जिक्र है।
रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) कोलंबिया बेस्ड एक कंपनी में ऑनलाइन जॉब करते थे। भूपेंद्र पर काम का प्रेशर और लोन था। कंपनी ने उनका लैपटॉप हैक कर उसमें मिले कॉन्टेक्ट पर एडिटेड अश्लील वीडियो वायरल कर दिए थे। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रितु (35) के साथ सुसाइड कर लिया। इससे पहले दो बेटों ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) को जहर दिया।
इस मामले में जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। 5 सदस्यीय एसआईटी में एडीशनल डीसीपी जोन – 1, एसीपी टीटी नगर , टीआई रातीबढ़ , टीआई टीटीनगर और सायबर क्राइम टीम के दो पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है।
देर रात सेल्फी ली, फिर कोल्ड ड्रिंक में सल्फास मिला बच्चों को पिलाया
भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि उसने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी। कोल्ड ड्रिंक (माजा) में सल्फास मिलाकर दोनों बच्चों को पिला दिया। इसके बाद भूपेंद्र और उसकी पत्नी रितु, बच्चों के पास ही बैठे रहे। जब उन्हें दोनों बच्चों की मौत होने की पुष्टि हो गई, तो भूपेंद्र ने दो दुपट्टे को आपस में बांधकर फंदा बनाया और एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी। नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि भूपेंद्र के घर से सल्फास के छह पैकेट मिले हैं।
सुबह 4 बजे भतीजी को वॉट्सऐप पर भेजा सुसाइड नोट
भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार तड़के 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो का कैप्शन लिखा- यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे। इन फोटो और सुसाइड नोट को रिंकी ने सुबह 6 बजे देखा और परिजनों को सूचना दी। रिंकी, मंडीदीप स्थित एक धागा फैक्टरी में काम करती हैं।
सभी मोबाइल कॉन्टैक्ट्स को वीडियो भेजा- मृतक का भाई
पंकज विश्वकर्मा ने बताया, भूपेंद्र बड़े पिता के बेटे थे। उनके साथ साइबर क्राइम हुआ है। उनका मोबाइल और कंपनी से मिला लैपटॉप हैक कर लिया गया। मोबाइल में उनके जितने भी कॉन्टैक्ट नंबर थे, उन पर उनके एडिटेड अश्लील वीडियो और फोटो वायरल कर दिए गए थे। धमकी देकर पैसों की डिमांड कर रहे थे। भैया ने 4 से 5 दिन पहले वॉट्सऐप स्टेटस भी डाला था कि मेरे द्वारा ये मैसेज नहीं किया जा रहा है। आप इसे इग्नोर करें।
दो तीन दिन पहले हमारी बात हुई। वे परेशान हो चुके थे। उनसे 17 लाख की डिमांड की गई। कहते थे कि इतने पैसे कहां से दूंगा। भैया ने बताया था कि उन्होंने तीनों बैंक अकाउंट खाली कर दिए। पूरा पैसा निकाल लिया। 7-8 जुलाई को साइबर सेल में शिकायत करने गए थे। साइबर सेल की ओर से उनका सिम और मोबाइल भी शायद एक्सचेंज करा दिया गया था।
चाची बोली- बहू ने बताया था 17 लाख रु. मांग रहे
भूपेंद्र की चाची लीला विश्वकर्मा ने बताया, ‘किसी को कुछ पता नहीं था। कल बहू ने मुझे बताया था कि कोई 17 लाख रुपए मांग रहा है। कह रहा है नहीं दिए तो घर बर्बाद कर देंगे। बहुत खुशहाल परिवार था। बड़ा बेटा ऋतुराज नीलबड़ स्थित शारदा विद्या मंदिर स्कूल में कक्षा तीसरी में पढ़ता था। छोटा बेटा ऋषिराज की स्कूलिंग अभी शुरू नहीं हुई थी।’
पढ़िए 4 पेज के सुसाइड नोट में ऑनलाइन जॉब ऑफर से अब तक की पूरी कहानी…
पेज 1 – पता नहीं था इस मोड़ पर आ जाएंगे
समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें। नहीं पता हमारी छोटी सी प्यारी सी फेमिली को किसकी नजर लग गई है। हमारे परिवार के लोगों से हम सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए। मेरी एक गलती की वजह से।
हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जी रहे थे, लेकिन अप्रैल के माह में मुझे एक ऑनलाइन काम के लिए वॉट्सएप पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर पुन: ऑफर आया। थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा कमाने के चलते और जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए मैं एग्री हो गया। इसके लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था, तो मैंने शुरू कर दिया। मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआ, पर धीरे-धीरे एक दलदल में धंसने लगा। थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगता था
काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। और इन पैसों का उपयोग भी घर पर नहीं कर पाया था। उसके पहले ही मुझ पर काम का दबाव ज्यादा आने लगा। जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और अग्रीमेंट का कहने लगे। मैंने मना किया, क्योंकि मेरा सिबिल पहले से खराब था। लोन कहां से मिलता पर कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया, जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा।
इस काम को शुरू करने के पहले मैंने वेबसाइट चेक करी थी जो ई-कॉमर्स बेस्ड कंपनी है। यह टीआरपी के लिए काम करवाती है। www.csyonllem.com जो कि 2022 आफ्टर कोविड स्टार्ट कर दिया था। कोलंबिया की थी। पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि हमारे पास कोई रास्ता नजर नहीं आएगा।
पेज 2 – कंपनी वाले कहते थे लोन पे करो वरना बदनाम कर देंगे
इस काम की जानकारी न तो मेरे परिवार में किसी को थी और न ही मेरी वाइफ को थी। जब भी देखती तो बस यही कहती कुछ गलत मत करना। मैं मना कर देता। कुछ नहीं, जो कर रहा हूं तुम्हारी खुशी के लिए कर रहा हूं, लेकिन मेरी समझ में नहीं आया। मैंने क्या कर डाला। 4 साल पहले जिस कंपनी में था, वो बंद हो गई। इससे मेरा क्रेडिट सिबिल खराब हो गया था।
ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा अब थोड़ा सा और, इसके बाद पैसे मिलते ही मैं सबका लोन क्लियर कर ये सब छोड़ दूंगा, लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि इतना सब कुछ हो जाएगा। मुझ पर ऑनलाइन जॉब वालों ने कर्ज इतना कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया। मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है।
मुझ पर सिर्फ बात-बात पर पैसे का दबाव बनने लगा, जो कि मैंने अपने लिए नहीं लिए। न ही उन पैसों का उपयोग कर पाया। कंपनी के लोन ऑफर पर लोन लेकर कंपनी में ही लगा दिया।
जून में लोन का कर्ज इतना ज्यादा होता चला गया कि लोन रिकवरी वालों ने धमकाना शुरू कर दिया। जून में कैसे भी करके ईएमआई पे कर दी। जुलाई में लोन वाले मेरा फोन हैक कर उसकी डिटेल निकालकर मेरे सभी रिलेटिव्स, फ्रेंड्स, और कलीग को ब्लैकमेल करने लगे।
धमकाने लगे कि तुम्हारी फोटो गलत-गलत बनाकर अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर दूंगा, नहीं तो लोन पे करो। सभी सदस्यों को, परिवार को बदनाम कर दूंगा। यहां तक कि मेरे बॉस की डीपी का मिसयूज करने लगे, इसलिए भी मुझे अंदर से बहुत ज्यादा गिल्टी फील हो रही है।
मेरी एक गलती की सजा मेरे साथ में रहने वाले कनेक्शन सभी को ब्लैकमेल करने लगे हैं।
पेज 3 – बेटों को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता, इसलिए उनको भी लेजा रहा हूं
इसकी समस्त जानकारी देने साइबर क्राइम ऑफिस गया, पर वहां पर अधिकारी न होने के कारण और अवकाश के चलते टल गया।
मैं पुन: आज दिनांक 12 को साइबर ऑफिस के लिए निकला। पहले आवेदन बनवाने एडवोकेट से मिला। उन्होंने ड्राफ्टिंग के लिए समय लिया हुआ है, परंतु मैं इस हाल में हूं कि किसी से बात नहीं कर पा रहा, न किसी से नजर मिला पा रहा। आज मैं अपनी ही नजरों में गिर चुका हूं। ये कोई नहीं समझ पा रहा है।
आज नौकरी भी जाने की नौबत आ गई है। मुझे अपना भविष्य और मेरे परिवार का भविष्य नहीं दिखाई दे रहा। मैं अब किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं हूं। मैं अपने परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा।
मैं बस यही कहता हूं कि अपनी अम्मा जी, बाबूजी, पापा जी, मम्मी जी, भइया-भाभी, मेरी प्यारी बहनों, मेरी प्यारी सी बेटी, मैं तुम सबके सामने कैसे आऊं, नजर कैसे मिलाऊं, सबसे ज्यादा अब इस बात का डर है।
कहीं भविष्य में मेरी बेटी की शादी में कोई परेशानी न आए, इसलिए मैं और वाइफ विद स्मॉल फेमिली, रिशु, किशु किसी को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता, इसीलिए उन्हें भी मैं अपने साथ ले जा रहा हूं। सबसे पुन: माफी मांगता हूं।
पेज 4 – शायद हमारे जाने के बाद सब अच्छा हो जाएगा
चार पेज के सुसाइड नोट में लिखा है- मेरे परिवार को माफ कर दें। मैं मजबूर हूं। शायद हमारे जाने के बाद सब अच्छा हो जाएगा। मेरा सभी से यही निवेदन है कि हमारे जाने के बाद मेरे परिवारवालों को लोन के लिए परेशान न किया जाए। न ही किसी रिलेटिव, कलीग को परेशान किया जाए।
मैं अपने पापा जी, मम्मी जी, बाबू जी, अम्मा जी, तीनों बहनों, बड़े भैया, अन्नु दी, दोनों साली… सभी से माफी से माफी मांगता हूं। हमें माफ कर दें। हमारा साथ बस यहीं तक था।
हमारी दूसरी इच्छा है कि हमें सामूहिक दाह संस्कार करें। पोस्टमॉर्टम न किया जाए, ताकि हम चारों साथ रहें।
सॉरी फॉर एवर लिखकर परिवार ने स्माइल करते हुए इमोजी भी बनाई है।
ऐप डाउनलोड पर फोटो-कॉन्टैक्ट लिस्ट शेयर हो जाती है
DCP जोन 1 साइ कृष्णा थोटा ने बताया, अभी तक की जांच में सामने आया है कि परिवार कर्ज में था। इन्होंने ऑनलाइन वर्क के लिए ऑनलाइन ऐप्स डाउनलोड किए। जब आप ऐप डाउनलोड करते हैं, तो परमिशन में आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट, फोटो शेयर हो जाती हैं। इन्हीं फोटो और कॉन्टैक्ट लिस्ट को यूज करते हुए इनको ब्लैकमेल किया गया। इस कारण ऐसा कदम उठाया।
DCP ने बताया, बैंक अकाउंट्स, फोन नंबर्स, मोबाइल-लैपटॉप की जांच कराई जाएगी। परिवार के जिन लोगों के पास एक्सटॉर्शन के कॉल गए थे, उनसे बात कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।