छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ऐसे नर्सिंग होम का खुलासा हुआ है, जहां इलाज के नाम पर बड़ी बीमारी बांटी जा रही थी। यहां एक सिरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन लगाया जा रहा था। इसका खुलासा दुर्ग एसडीएम आईएएस लक्ष्मण तिवारी के छापे के दौरान हुआ। इसके साथ ही नर्सिंग होम में कई अन्य बड़ी खामियां भी पाई गईं। इसके चलते दो नर्सिंग होम को सील करने के निर्देश दिए गए हैं।
एसडीएम ने बताया कि उन्होंने अपनी टीम के साथ शनिवार को हाईटेक अस्पताल, सिन्हा नर्सिंग होम सुपेला और सुपेला नर्सिंग होम सहित कई अन्य जगह छापेमारी की थी। इस दौरान जहां हाईटेक अस्पताल में सभी चीजें ठीक पाई गईं तो वहीं दो नर्सिंग होम में भारी खामियां देखने को मिली। यहां एक ही सिरिंज से चार-चार लोगों को इंजेक्शन लगाकर संक्रामक बीमारियां फैलाने का काम किया जा रहा था। सिन्हा नर्सिंग होम में मरीजों को भर्ती तो किया गया था, लेकिन कोई क्वालीफाइड डॉक्टर नहीं थे। सुपेला नर्सिंग होम और सिन्हा नर्सिंग होम की हालत बहुत ही बदतर मिली। दोनों ही जगह नर्सिंग होम एक्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा था।
मरीज को भर्ती किया, लेकिन बीमारी का पता नहीं
एसडीएम दुर्ग ने बताया कि दोनों ही नर्सिंग होम में मरीज भर्ती पाए गए। जब वहां के स्टाफ से मरीजों की बीमारी के बारे में पूछा गया तो उन्हें पता ही नहीं था कि किसे क्या बीमारी है। वहां जब डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ का क्वालीफिकेशन चेक किया गया तो कोई भी क्वालीफाइड डॉक्टर नहीं पाए गए।
दोनों नर्सिंग होम को सील करने का निर्देश
इन अव्यवस्थाओं के चलते दोनों ही नर्सिंग होम संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वो अपने यहां भर्ती मरीजों को जिला अस्पताल में ट्रांसफर करें और अपने नर्सिंग होम को बंद करें। साथ ही कहा गया है कि दोनों तब तक अपना नर्सिंग होम बंद रखें जब तक की नर्सिंग होम एक्ट की गाइड लाइंस का पालन नहीं कर लेते।