50 एकड़ में ना फसल हो रही, ना मुआवजा मिला
विधायक ननकीराम कंवर ने पीड़ितों से भेंट की
सीएसईबी के डीएसपीएम थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख को भंडारित करने गोढ़ी मैं बनाया गया बांध कुछ लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। कई कारणों से आसपास के किसानों की 50 एकड़ कृषि भूमि अनुपजाऊ हो गई है। दूसरी ओर इन लोगों को सीएसईबी ना तो मुआवजा दे रहा है और ना ही स्थाई रोजगार। पूर्व गृहमंत्री और रामपुर क्षेत्र के विधायक ननकीराम कंवर ने गोड़ी गांव पहुंचकर पीड़ितों से इस बारे में बातचीत की और समाधान के लिए अधिकारियों से संपर्क किया। राजस्व सबडिवीजन कोरबा के अंतर्गत आने वाले गोढ़ी गांव में बिजली उत्पादन कंपनी के द्वारा अपने डीएसपीएम पावर प्लांट से निकलने वाली राख के भंडारण के लिए बांध बनाया गया है । इसके लिए आसपास की काफी जमीन अर्जित की गई है और संबंधित लोगों को नियमों के अंतर्गत मुआवजा के अलावा रोजगार उपलब्ध कराया गया है। दूसरी ओर बांध से निकलने वाले पानी के चक्कर में कई समस्या पैदा हो गई है और तकनीकी कारणों से 50 एकड़ खेती योग्य जमीन किसी काम के नहीं रह गई है। इस पर लोग खेती नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें किसी प्रकार की भरपाई सीएसईबी के द्वारा नहीं की जा रही है। लगातार परेशानी खेल रहे लोगों की बात सुनने के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री और रामपुर क्षेत्र के विधायक ननकीराम कंवर इस गांव में पहुंचे। यहां पर लोगों ने अपनी समस्याओं से ननकीराम कंवर को अवगत कराया। प्रभावित ग्रामीण मनोज महिला ने बताया कि वर्ष 2005 में डैम का निर्माण करने के बाद से यहां पर समस्या बनी हुई है। सीएसईबी इस मसले का समाधान नहीं कर रहा है।
गोढ़ी गांव के रहने वाले लखन लाल ने बताया कि बांध से उड़ने वाली राख लगातार समस्या पैदा कर रही है। बिजली से लेकर दूसरी परेशानियां भी यहां पर कायम है।
ग्रामीणों से बातचीत कर परेशानी समझने के साथ विधायक ननकीराम कंवर ने डीएसपीएम के कार्यपालक अभियंता से निराकरण के लिए चर्चा की। कंवर ने बताया कि राखद बांध के किनारे नाला का प्रवाह बाधित हो गया है और इस के चक्कर में किसान अपना काम नहीं कर पा रहे है। जबकि रोजगार के नाम पर जो विकल्प दिया गया था वह बाद में संविदा श्रेणी का हो गया यह अपने आप में गलत है।
गोढ़ी गांव में बिजली कंपनी के बांध के कारण समस्याएं काफी समय से बनी हुई है। प्रभावित पक्ष के द्वारा अलग-अलग समय पर इस बारे में शिकायत की गई है लेकिन समाधान के रास्ते नहीं निकल सके। देखना होगा कि विधायक की जानकारी में यह मसला आने के बाद क्या कुछ नतीजे सामने आते हैं