acn18.com भिलाई।: आनलाइन सट्टा एप महादेव बुक के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सहित अब तक इस मामले में गिरफ्तार किए गए करीब 120 से अधिक आरोपितों की संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। नगर निगम, राजस्व विभाग और उप पंजीयक कार्यालय से आरोपितों के नाम की संपत्ति का ब्योरा निकाला जा रहा है। जिन आरोपितों को फरार सूची में डाला गया है, उनकी संपत्ति को कुर्क किया जाएगा। वहीं बाकी के आरोपितों की संपत्ति की जानकारी लेकर उसे सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।
सट्टा एक्ट में कार्रवाई किए जाने से आरोपितों को थाने से ही मुचलका जमानत पर छोड़ दिया जाता था। कुछ बड़े सटोरियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आइटी एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में कार्रवाई भी की गई थी। पुलिस की कार्रवाई के बाद जब ईडी जैसी एजेंसियों ने अपनी जांच शुरू की तो पुलिस के चुंगल से बचे हुए कई सटोरियों के नाम सामने आए। कई लोगों के घरों पर ईडी ने जांच की और दुर्ग जिले से एक सिपाही भीम सिंह को सट्टा के मामले में गिरफ्तार भी किया था।
महादेव बुक के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को न्यायालय द्वारा फरार घोषित किए जाने के बाद अब पुलिस की कार्रवाई में फिर से सक्रियता देखने को मिली है। पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपितों की कुंडली तैयार करनी शुरू की है। आरोपितों के नाम पर पंजीकृत संपत्ति के बारे में राजस्व विभाग, नगर निगम और उप पंजीयक कार्यालय से जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
कार्रवाई शुरू, जद में आए ये हैं चर्चित लोग
नसीमुद्दीन – 18 नंबर रोड कैंप-एक में आरजू मेडिकल नाम की दुकान संचालित करने वाले नसीमुद्दीन उर्फ नसीम के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की थी। उसके बारे में दावा किया गया था कि वह महादेव बुक के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर से सीधे संपर्क रखने वाला व्यक्ति है और लोगों को आनलाइन सट्टा के पैनल दिलवाने लगा था।
सद्दाम – फरीद नगर निवासी सद्दाम को भी पुलिस ने अंबिकापुर से गिरफ्तार किया था। पहली बार की कार्रवाई के बाद पुलिस ने उसे फिर से झारखंड की राजधानी रांची जाते समय पकड़ा था। वह रांची में महादेव बुक का पैनल लागिन करवाने जा रहा था। ये भी महादेव बुक का बड़ा सटोरिया बताया जाता है।
सतनाम सिंह – वैशाली नगर निवासी सतनाम सिंह ने बड़े ही नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। उसने दावा किया था कि पूर्व में पैनल चलाता था और नुकसान होने के बाद उसने काम बंद कर दिया था। ईडी की टीम ने जब उसके घर पर दबिश दी तो पता चला कि वह महादेव बुक से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था।
आरक्षक भीम सिंह यादव – ईडी ने दुर्ग पुलिस के आरक्षक भीम सिंह यादव को गिरफ्तार किया है। वर्तमान में वह जेल में बंद है। गिरफ्तारी के बाद हाल ही में दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने भीम सिंह यादव और उसके भाई सिपाही अर्जुन सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया है। भीम का छोटा भाई सहदेव भी सिपाही है और वह भी महादेव बुक के संचालकों से सीधे संपर्क में है।
एएसपी शहर अभिषेक झा ने कहा, महादेव बुक से जुड़े सभी आरोपितों की संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। नगर निगम, राजस्व विभाग और रजिस्ट्रार कार्यालय से जानकारी निकाली जा रही है। भविष्य में जरूरत पड़ने पर उस जानकारी का इस्तेमाल किया जाएगा।