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ATR में छोड़ी गई आदमखोर बाघिन:2 युवकों को बनाया था अपना शिकार; रेडियो कॉलर से रखी जाएगी नजर

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Acn18.com/सूरजपुर जिले में 2 युवकों और मवेशियों को अपना शिकार बनाने वाली बाघिन को मुंगेली के अचानकमार टाइगर रिजर्व(ATR) में छोड़ दिया गया है। शनिवार तड़के 4 बजे अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में रेडियो कॉलर लगाकर बाघिन को छोड़ा गया। रेडियो कॉलर लगे होने से इसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। इस दौरान वाइल्ड लाइफ और एटीआर प्रबंधन के आला अफसर मौजूद रहे।

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अचानकमार टाइगर रिजर्व में आदमखोर बाघिन को जंगल के अंदर छोड़ा गया है। इसे बीते 28 मार्च को सूरजपुर के ओड़गी इलाके के जंगल से रेस्क्यू किया गया था। इस आदमखोर बाघिन ने इसी साल 27 मार्च को सूरजपुर के कालामांजन इलाके में 3 युवकों पर हमला कर दिया था। जिसमें दो युवकों की मौत हो गई थी, जबकि तीसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था। युवकों पर इस बाघिन ने जब हमला किया, उसी दौरान युवकों ने भी बाघिन के सिर के हिस्से पर कुल्हाड़ी से वार किया था। जिससे बाघिन भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

इसके बाद कुमकी हाथी, डॉक्टरों और एक्सपर्ट की टीम की मदद से बाघ को ट्रैंकुलाइज किया गया था। उसे प्राथमिक चिकित्सा दी गई और बेहतर इलाज के लिए रायपुर के जंगल सफारी भेजा गया था। जब वो स्वस्थ हो गई, तो शनिवार 29 अप्रैल को उसे ATR के कोर एरिया में छोड़ दिया गया। जिस वक्त बाघिन को केज से बाहर निकाला गया, उस वक्त का एक्सक्लूसिव वीडियो दैनिक भास्कर डिजिटल अपने दर्शकों को दिखा रहा है। किस तरह आदमखोर बाघिन बारिश के बीच अपने केज से बाहर निकलकर जंगल की ओर आगे बढ़ रही है।

आला अधिकारी रहे मौजूद

जिस वक्त अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में बाघिन को छोड़ा गया, उस वक्त एपीसीसीएफ, वाइल्डलाइफ और अचानकमार डीएफओ विष्णु नायर समेत एटीआर प्रबंधन के कई अधिकारी मौके पर मौजूद थे।

ATR में अब 6 बाघ

बता दें कि अचानकमार टाइगर रिजर्व के अंदर अब बाघों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। इसके पहले यहां पर 5 बाघ थे, जिसमें से 2 नर और 3 मादा थे। एक मादा बाघिन की संख्या बढ़ने से आने वाले समय में जंगल में बाघों के कुनबे में वृद्धि की संभावना भी जताई जा रही है।

2 बाघिन लाने की चल रही तैयारी

ATR के DFO विष्णु नायर ने बताया कि आने वाले नवंबर, दिसंबर में अचानकमार टाइगर रिजर्व के अंदर 2 बाघिन को लाने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर शासन स्तर पर प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, ऐसे में आने वाले समय में एटीआर के अंदर बाघों की संख्या और भी बढ़ सकती है।

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