acn18.com कोरबा /पैर में हुए सूजन के उपचार में लापरवाही बरतना एक ग्रामीण को काफी महंगा पड़ गया है। संक्रमण फैलने के कारण उसके पैर को अब काटने की नौबत आ गई है। ग्राम चाकामार में रहने वाला ग्रामीण अस्पताल में उपचार कराने के बजाए बैगा से झाड़फूंका कराता रहा जिसके कारण यह स्थिती निर्मित हुई है।
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सस्ता उपचार सुलभ हो सके इसके लिए शासन प्रशासन द्वारा गांव गांव में अस्पताल खोल दिया गया है बावजूद इसके लोग आज भी अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़े हुए और झांड़-फूंक के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी को दांव पर लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसा ही कुछ कोरबा के ग्राम चाकामार में देखने को मिला है जहां पैर में हुए सूजन का अस्पताल में उपचार कराने के बजाए व बैगा से झाड़-फूंक करता रह गया जिसका नतीजा यह हुआ,कि ग्रामीण के पैर में संक्रमण हो गया और चिकित्सक ने उसका एक पैर काटने तक की बात कह डाली। ग्रामीण को बेहतर उपचार के लिए रिफर कर दिया गया है।
समय रहते ग्रामीण अपना पैर का उपचार अस्पताल में करा लेता आज उसके पैर को काटने की नौबत नहीं बाती। फिलहाल उसे सिम्स रिफर कर दिया गया है जहां शायद उसका उपचार संभव हो सके और पैर काटने की नौबत न आए।