acn18.com नई दिल्ली/ नई दिल्ली में 19 घंटे बाद बुधवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.7 मापी गई। शाम करीब 5 बजकर 20 मिनट पर झटके महसूस किए गए। इससे पहले भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मंगलवार देर रात 10.20 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 मापी गई।
भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 133 किमी दक्षिण पूर्व में जमीन से 156 किमी की गहराई में था। पाकिस्तान में 9 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 302 लोग घायल हुए। अफगानिस्तान में भी दो लोगों की जान चली गई।
भारत में इसका असर दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और जम्मू कश्मीर में देखने को मिला। इससे लोगों में अफरा-तफरी देखी गई। लोग घबराकर जान बचाने के लिए घरों से बाहर आ गए। दिल्ली-NCR, गाजियाबाद के कई इलाकों में लोगों ने पूरी रात घर के बाहर गुजारी।
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, पाकिस्तान मिट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (PMD) ने भूकंप की तीव्रता 6.8 बताई। भूकंप के झटके इस्लामाबाद, लाहौर, क्वेटा, रावलपिंडी, पेशावर समेत कई शहरों में महसूस किए गए। PMD के मुताबिक, रात 9:47 बजे (पाकिस्तान समय के मुताबिक) भूकंप आया। इसके एक घंटे बाद 3.7 तीव्रता का आफ्टरशॉक रिकॉर्ड किया गया। इसका केंद्र भी अफगानिस्तान में ही था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) को इमरजेंसी की स्थिति में तैयार रहने को कहा है।
पहले 3 तस्वीरों में जानिए पाकिस्तान के हाल…
चश्मदीद बोला- 30 सेकेंड झटके महसूस हुए
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, एक चश्मदीद ने कहा- अचानक सब हिलने लगा। हम डर गए। घरों से बाहर भागे। करीब 30 सेकेंड भूकंप के झटके महसूस हुए। पुलिस के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के स्वात में 250 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। 6 लोगों की मौत हुई। इनमें एक महिला है। अन्य शहरों में 52 लोगों के भर्ती होने की खबर है।
इमारतों की दीवारों पर दरारें आईं
पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज के मुताबिक, भूकंप से इस्लामाबाद और रावलपिंडी में कई ऊंची इमारतों की दीवारों पर दरारें आ गई हैं। इसके बाद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। कई घरों के तबाह होने की भी खबर है। रेस्क्यू टीम मौके पर मौजूद है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा हैं।
अब अफगानिस्तान और भारत के हाल जानिए…
काबुल में झटके महसूस हुए
भूकंप का एपिसेंटर अफगानिस्तान में था। यहां राजधानी काबुल में झटके महसूस किए गए। रॉयटर्स के मुताबिक भूकंप के चलते 4 लोगों की मौत हुई है। हेल्थ मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन शराफत जमान अमरखेल ने बताया कि सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।
उत्तर भारत के शहरों में लोग घरों से निकले
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 रही। दिल्ली-NCR, UP, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान मध्यप्रदेश में झटके महसूस किए गए। लोग घबराहट में घरों से बाहर निकल गए। भूकंप से जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली।
2022 में भी आया था क्रॉस-बॉर्डर भूकंप
- अफगानिस्तान-पाकिस्तान में जून 2022 में 6.1 तीव्रता का भूंकप आया था। अफगानिस्तान में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। पाकिस्तान में 600 से ज्यादा लोग मारे गए थे। USGS के मुताबिक, भूकंप का केंद्र पाक-अफगान बॉर्डर के खोस्त शहर में था।
- 2017 में ईरान-इराक में क्रॉस-बॉर्डर भूकंप आया था। इराक के कुर्दिश शहर हलाबजा से इरान के कर्मानशाह प्रांत में झटके महसूस किए गए थे। इसमें 630 लोगों की मौत हुई थी। 8 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
- 6 फरवरी 2023 को तुर्किये और सीरिया में 3 बड़े भूकंप आए थे। दोनों देशों में कुल मिलाकर 57 हजार लोग मारे गए थे। पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया था। इसके बाद आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया था। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था।
- 18 मार्च 2023 को साउथ अमेरिकी देश इक्वाडोर-पेरू में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र इक्वाडोर का ग्वायाक्विल शहर था। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.8 थी। इस भूकंप के चलते इक्वाडोर में 15 लोगों की मौत हो गई थी। 381 लोग घायल हुए थे। पेरू में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। कई इमारतों को नुकसान पहुंचा था।
क्यों आता है भूकंप?
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।
दुनिया में हर साल 20,000 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
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