पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने राजनांदगांव शहर के गिड़िया परिवार ने अपने घर को अद्भुत और अकल्पनीय बना दिया। यहां लगभग 123 वर्ष पुराने एक पीपल विशाल वृक्ष को संरक्षित करने आज से लगभग 25 वर्ष पहले बनाए गए मकान का डिजाइन ही बदल दिया। पीपल के इस वृक्ष को बचाने के लिए परिवार के लोगों ने अपनी सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा।
राजनांदगांव शहर के सुशील गिड़िया का मकान आम घरों की तरह नहीं है। यहां घर के भीतर एक विशालकाय पीपल का वृक्ष है । यहां मकान निर्माण करते समय पीपल के वृक्ष को काटने की बजाय इसे जीव दया और पर्यावरण का संदेश देने के लिए वृक्ष के साथ ही मकान का निर्माण कर दिया गया। यह वृक्ष घर के भूतल से लेकर तीन मंजिला इमारत को पार करते हुए छत से निकालकर फैला हुआ है । घर के कुछ कमरों में पीपल के विशाल काय वृक्ष के तने दिखाई देते हैं। जो काफी मोटे और आकार में भी बड़े हैं । वही किचन के भीतर वृक्ष का दो तना है, जो काफी बड़ा है।
सुशील गिड़िया कहते हैं कि वृक्ष में देवी देवताओं का वास होता है, वही वृक्ष एक जीव भी है। ऐसे में जब घर का निर्माण हो रहा था तो परिवार के सभी लोग इस वृक्ष को नहीं काटना चाहते थे, क्योंकि यह वृक्ष घर के आंगन में लगा हुआ था और काफी पुराना था, बाप-दादाओ की इस वृक्ष से आस्था जुड़ी हुई थी।
आमतौर पर सभी घरों में ऊपर मंजिल में जाने सीढ़ियां रहती हैं लेकिन सुशील गिड़िया के इस मकान में ऊपर मंजिल में जाने सभी जगह सीढ़ियां नहीं है । जिसका कारण पीपल का यह वृक्ष है । यहां सीढ़ियां को घूमने के लिए जब जगह नहीं मिला तो शुशील के भाई भागचंद गिडिया जो पुल निर्माण में इंजीनियर है उन्होंने देखा कि पेड़ की वजह से सीढ़ियां नहीं घूम रही है तो उन्होंने घर के कुछ कमरों में जाने सीढ़ियों से सीधा पुल बना दिया ।