Acn18.com/छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने शराब घोटाला मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात की। जेल से बाहर निकलकर पायलट ने बयान दिया कि, हमारा पॉलिटिकल संघर्ष जारी रहेगा। देशभर में भाजपा की विचारधारा का विरोध करने पर चरित्र हरण करने की कोशिश की जाती है, सरकारी एजेंसी के माध्यम से मनोबल तोड़ने की कोशिश होती है।
पायलट ने आगे कहा कि, ये व्यक्ति विशेष की लड़ाई नहीं है, पूरे देश में जहां-जहां बीजेपी सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है वहां विरोध जताएंगे।
कवासी से मुलाकात के दौरान पायलट के साथ चरणदास महंत, दीपक बैज, विजय जांगिड़, जरिता लैतफलांग, देवेंद्र यादव और लखमा के बेटे हरीश कवासी भी मौजूद रहे। पायलट दोपहर 2 बजे पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक भी लेंगे।
पार्टी के बड़े नेता होंगे शामिल
इस बैठक में PCC प्रभारी सचिन पायलट के साथ-साथ सहप्रभारी जरिता लैतफलांग, विजय जांगिड़, PCC चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव मौजूद रहेंगे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में हुई हार की समीक्षा करना और आगामी रणनीतियों पर चर्चा करना है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस न सिर्फ विधानसभा चुनाव में सत्ता गंवा चुकी है, बल्कि हाल ही में संपन्न नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत चुनावों में भी करारी हार का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस अधिकांश नगर निगमों में महापौर और पंचायतों में अध्यक्ष पद तक नहीं जीत पाई, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा देखी जा रही है।
संगठन में बदलाव की भी होगी चर्चा
यह भी चर्चा होगी कि, प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की जरूरत है या नहीं। पिछले कुछ समय से पार्टी के भीतर बदलाव की मांग उठ रही है, जिसमें प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व से लेकर जिला अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नए चेहरों को लाने की बात हो रही है।
इसके अलावा, पार्टी उन कमियों को भी दूर करने की रणनीति तैयार करेगी, जिनके कारण लगातार हार का सामना करना पड़ा। इस बैठक से छत्तीसगढ़ कांग्रेस को नई दिशा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि संगठन में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता, तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल और गिर सकता है।
क्या होती है पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC)?
पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी कांग्रेस पार्टी का एक प्रमुख रणनीतिक निकाय होता है, जिसका काम राजनीतिक मामलों पर मंथन करना, चुनावी रणनीति बनाना और संगठन को मजबूत करने के लिए फैसले लेना होता है। यह कमेटी पार्टी के फैसलों में अहम भूमिका निभाती है, खासकर जब पार्टी को पुनर्गठन या हार की समीक्षा करनी होती है।
साव बोले- सबको मालूम है बैठक में क्या होता है
डिप्टी सीएम अरूण साव ने कांग्रेस की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि, कांग्रेस की समीक्षा बैठकों में होता क्या है। ये सबको मालूम है। जनता क्यों इनसे दूर हो गई। ये अपनी कमियों पर विचार करने के बजाय एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ेंगे और इसका दोषी किसी और को बनाने की कोशिश करेंगे।