acn18.com/ महाराष्ट्र में नतीजे आए 8 दिन हो गए हैं लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे का आधिकारिक ऐलान बाकी है। शपथ ग्रहण समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा।
महायुति सरकार में मंत्रालय बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है। दिल्ली में बैठक करके लौटे एकनाथ शिंदे सभी कार्यक्रम रद्द कर अचानक 29 नवंबर को सातारा स्थित पैतृक गांव चले गए। एक दिन बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। फिलहाल उनकी हालत ठीक है। वह दोपहर 2 बजे हेलिकॉप्टर से ठाणे लौट आएंगे।
3 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। दिल्ली से दो ऑब्जर्वर मुंबई आएंगे और विधायकों से चर्चा के बाद आधिकारिक रूप से CM फेस अनाउंस करेंगे। वहीं, डिप्टी CM अजित पवार ने शनिवार को कहा- सीएम भाजपा का होगा, यह तय हो गया है और शिवसेना-NCP से 1-1 डिप्टी CM होगा।
उधर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा- भाजपा ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया। इस्तेमाल के बाद उन्हें बाहर कर दिया। शिंदे विश्वासघात की सजा भुगत रहे हैं। भाजपा की राजनीति में कोई विश्वसनीयता नहीं है।
23 नवंबर: महाराष्ट्र विधानसभा का रिजल्ट आया। महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। शिंदे बोले थे- CM तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी। फडणवीस ने कहा था, एक हैं तो सेफ हैं।
25 नवंबर: 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी CM का फॉर्मूला तय हुआ। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद के फॉर्मूला की बात सामने आई। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायकों को मंत्री बन सकते हैं।
27 नवंबर: ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा।
28 नवंबर: एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है।
29 नवंबर: महायुति की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के बदले गृह और वित्त मंत्रालय मांग रही है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा- अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा।
30 नवंबर: शपथ ग्रहण समारोह की तारीख सामने आई। अजित पवार ने साफ कर दिया कि CM भाजपा से होगा और शिवसेना-NCP के डिप्टी CM होंगे।
शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया।
पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के पास था। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी।
सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है।