छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 3 भाइयों ने मिलकर रक्षाबंधन के दिन पड़ोसी युवक को फरसे से काट डाला। 10 साल पहले उसके पिता की हत्या की गई थी, जिसका बदला लेने के लिए वारदात को अंजाम दिया गया।
सोमवार सुबह खून से लथपथ लाश को देखकर लोगों ने पुलिस को जानकारी दी। दोपहर करीब 1 बजे पुलिस गांव पहुंची, लेकिन हत्यारों का कुछ पता नहीं चला।
फिर घटना की जांच में मदद के लिए आई सर्च डॉग रोजी घटनास्थल से सीधे भागते हुए आरोपियों के घर जा घुसी। इसी आधार पर पूछताछ में पता चला कि संदेहियों और मृतक छतलाल के परिवार के बीच जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा है।
फरसा और कुल्हाड़ी से किया ताबड़तोड़ हमला
पुलिस ने छतलाल के ही परिवार के पड़ोसी जीतेंद्र केंवट उसके भाई धर्मेंद्र केंवट और हेमंत केंवट की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान गांव के बाहर घेराबंदी कर पुलिस ने हेमंत और धर्मेंद्र को दबोच लिया। दोनों से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने मिलकर छतलाल को मार दिया है।
आरोपियों ने बताया कि छतराम को अकेले पाकर उन्होंने घेर लिया। फरसा और कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमला कर दिया, जिससे वह जमीन पर गिर गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वारदात के बाद से उसका भाई जितेंद्र केंवट फरार है।
10 साल पहले हुई थी पिता की हत्या
आरोपी धर्मेंद्र और हेमंत ने पुलिस को बताया कि छतलाल और उसके पिता संतोष केंवट ने मिलकर करीब 10 साल पहले उसके पिता तिलकराम केंवट की हत्या कर दी थी। हत्या के केस में छतलाल नाबालिग होने के कारण जल्दी छूट गया था।
जबकि, उसके पिता को दस साल की सजा हुई थी। करीब एक माह पहले ही संतोष जेल से छूटा था। वह पुणे में रोजी-मजदूरी करने चला गया, जैसे ही त्योहार पर घर आया, तो आरोपियों ने पिता की मौत का बदला लेने की साजिश रची।
आरोपियों की मां को कहते थे टोनही
CSP सिद्धार्थ बघेल के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनकी मां को टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे। इसके कारण मोहल्ले वाले भी उनसे दूरी बनाने लगे थे। इसी बात को लेकर धर्मेंद्र और उसके भाइयों ने छतलाल की हत्या की।