acn18.com कोरबा /समय के साथ कई प्रकार के मुहावरे बदलने लगे हैं और वह जमीन पर नजर भी आने लगे हैं । कोरबा में कोतवाली पुलिस ने एक व्यक्ति की मौत के बाद परिजनों के द्वारा दूरी बनाने की स्थिति में पोस्टमार्टम करने से लेकर अंतिम संस्कार तक की प्रक्रिया पूरी कराई। पुलिस ने बताया कि अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवता के नाते इस तरह के कार्य करने भी जरूरी हो जाते हैं। कई बार ऐसे मौके उसके सामने आते हैं।
जिसका कोई नहीं होता, उसके लिए पुलिस होती है। कई स्तर पर लोगों की सहायता करने के उदाहरण पुलिस देती रही है। गणतंत्र दिवस के अगले दिवस कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे ही मामले को लेकर अपने सामाजिक सरोकार दिखाएं और राजेंद्र पांडे नमक व्यक्ति की मौत होने पर उसका अंतिम संस्कार भी कराया। कोरबा नगर के इतवारी बाजार क्षेत्र में इसका शव पाया गया जिसकी सूचना एक व्यक्ति ने पुलिस को दी थी। कुछ ही देर में मृतक की पहचान होने पर उसके परिजनों की तलाश की गई और उन्हें इस बारे में अवगत कराया गया। लेकिन उन्होंने मामले को हल्के से लेने के साथ बात को टाल दिया। कोतवाली थाना प्रभारी अभिनव कांत सिंह ने मामले को संवेदनशीलता से लेने के साथ अगली कार्रवाई के लिए अधीनस्थों को निर्देशित किया। इसके बाद पंचनामा और पोस्टमार्टम की अगली कड़ी में पुलिस ने जरूरी व्यवस्था करते हुए मृतक का अंतिम संस्कार कराया। पुलिस के बताएं अनुसार मृतक की आदते अच्छी नहीं थी और वह दमा का रोगी था इसलिए परिवार ने उससे खुद को अलग कर लिया था।
हादसे और अन्य कारण से होने वाली मौत के मामले में जब अज्ञात मृतकों की पहचान चाह कर भी नहीं हो पाती तब पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए ऐसे मामलों में पुलिस स्वयं या सामाजिक संगठनों के सहयोग से कफन दफन की कार्रवाई करती है। राजेंद्र पांडे की मौत का मामला इससे अलग है जिसमें परिजनों के होते हुए पुलिस को यह सब कुछ करना पड़ा। समाजशास्त्र के जानकार दावा करते हैं कि कई कारणों से जब परिस्थितियों पटरी पर नहीं आ पाती तो लोग तनाव में जाने के साथ अपनी दिशा अलग कर लेते हैं। इसके बाद जो कुछ घटित होता है उसके नतीजे कमोबेश राजेंद्र पांडे की मौत और दूसरों के हाथों अंतिम संस्कार करने के रूप में सामने आते हैं