Acn18.com/देश की स्वाधीनता के 77वे वर्ष में भारत सरकार मैं तय किया है कि कई गैर जरूरी कानून को समाप्त करने के साथ व्यापक बदलाव किए जाएंगे। उद्देश्य केवल इतना है कि न्याय प्रणाली को और भी मजबूत किया जाए और लोगों को राहत दिलाई जाए। हां कानून में संशोधन संबंधी प्रयासों का कोरबा जिले के अधीक्क्ताओं ने स्वागत किया है और कहां है कि यह सुधार की कड़ी में अच्छी पहल साबित होगी।
लंबे समय से व्यवस्था में बने हुए इंडियन पेनल कोड, क्रिमिनल पेनल कोड और इंडियन एविडेंस एक्ट से संबंधित अनेक चीजों को सुधार की कड़ी में सरकार ने शामिल किया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अनुशासन समिति के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक तिवारी ने समझाया के किन कारणों से सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं और ऐसा करने से क्या संदेश जाएगा।
सरकार ने बदली हुई व्यवस्था के अंतर्गत इन कानूनों को व्यवहारिक बनाने और इसमें से कई गैर जरूरी चीजों को हटाने की तरफ भी ध्यान दिया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि बहुत कुछ सोच समझकर इस तरह काम किया जा रहा है। ऐसा करने से कुल मिलाकर अधिवक्ताओं और नागरिकों को राहत मिलेगी।
सरकार के द्वारा प्रस्तुत किए गए बिल को अभी कुछ प्रक्रियाओं से गुजरा है इतना सब कुछ होने के बाद ही यह क्रियान्वयन का हिस्सा बन सकेगा।