Acn18.com/सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग जू में अप्रैल 2023 में जन्मे सफेद बाघिन ‘रक्षा’ के तीन सफेद शावकों का नामकरण की तैयारी चल रही है। 15 अगस्त 2023 को उनका नामकरण किया जाएगा। इसके बाद अगस्त माह के अंत तक इन्हें आम जनता के लिए केज में छोड़ा जाएगा।
मैत्रीबाग प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक यहां छह वर्षीय सफेद बाघिन ‘रक्षा’ सुल्तान से बीते 28 अप्रैल को 3 नन्हें शावकों का जन्म हुआ था। मैत्री बाग प्रभारी और उप महाप्रबंधक (उद्यानिकी) डॉ. एनके जैन ने बताया कि मैत्री बाग में सफेद बाघों की कुल संख्या 9 हो गई है। नए जन्मे शावकों को 4 महीने बाद ही पर्यटकों के देखने के लिए केज में छोड़ा जाएगा। फिलहाल उन्हें अनुकूल वातावरण देकर रखा गया है। मां और शावकों को ठंडा रखने के लिए बाड़े के अंदर कृत्रिम फव्वारा और कूलिंग स्ट्रॉ मैट लगाए गए हैं। मानसून के दौरान शावकों को नमी जनित त्वचा संबंधी संक्रमण से बचाने के लिए पूरी तरह से साफ सफाई का ध्यान रखा जा रहा है।
डॉ. जैन ने बताया कि 1999 में 4 सफेद बाघ शावकों का जन्म मैत्री बाग में हुआ था। इसके बाद से यहां सफेद बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अनुकूल वातावरण के चलते मैत्री बाग में 12 से अधिक सफेद बाघों का प्रजनन कराया गया है। मैत्री बाग प्रबंधन ने देश के 5 से भी अधिक चिड़ियाघरों के साथ बाघों का आदान-प्रदान किया है।
पशु चिकित्सा मानदंडों के अनुसार स्तनपान और स्वास्थ्य मापदंडों के तहत शावकों को मां के साथ एक अंधेरे कमरे में रखा गया है। बाघिन नियमित रूप से शावकों के साथ ही रह रही है। वो उन्हें केवल थोड़े समय के लिए खाने-पीने के समय ही छोड़ती है। उसने शावकों को शिकार का प्रशिक्षण भी देना शुरू कर दिया है। इससे शावक लगभग 4 माह पूरी तरह से मांस खाने लगेंगे।