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विपक्ष की गैरमौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव गिरा:वोटिंग से पहले विपक्ष का वॉकआउट, दोपहर 12 बजे से शुरू हुई चर्चा रात 1 बजे तक चली

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Acn18.com/छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 13 घंटे चली चर्चा के बाद सदन में गिर गया। 109 आरोप के साथ दोपहर 12 बजे शुरू हुई चर्चा रात 1 बजे तक चलती रही जबकि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

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चर्चा के दौरान विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान ही विपक्ष हंगामा करने लगा और फिर बिना संबोधन पूरा हुए ही वॉकआउट कर गया। इसके बाद सदन में ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के लगाए आरोपों पर सिलसिलेवार जवाब दिया।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष की कार्यशैली के साथ-साथ सेंट्रल एजेंसियों की कार्रवाई तक पर गंभीर सवाल खड़े किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो ED को नए अधिकार दिए गए उसका मैं विरोध करता हूं। जीएसटी चोरी भी अब ED के दायरे में आ गया है। सीएम के जवाब के बीच जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा के दौरान जवाब में कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। सीएम भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है।

प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने नहीं की। ये हमारी उपलब्धि है।

नक्सल समस्या को लेकर सीएम ने कहा कि आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ। अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला। जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया। जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती है। पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी। आज सड़कें काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है।

पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने शुरू कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है। ये बदलाव आया है। जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात की। उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण में अपना योगदान दिया। परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह कबीर की भूमि है। बाबा गुरु घासीदास की भूमि है। शांति का टापू है। अपनी संस्कृति के लिए हम काम कर रहे हैं।

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने क्या कहा

  • सरकार दिशाहीन है। संविधान की शपथ को तार-तार कर दिया। राज्य में क्या माहौल है ,चुनाव के पहले होर्डिंग लगे थे कि वक्त है बदलाव का।आज जनता कहती है कि वक़्त है पछताव का।
  • हमने इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया है कि प्रशासन का राजनीतिककरण हो गया है और राजनीति का आपराधीकरण।
  • बिलासपुर में रेत माफिया नदियों का चीरहरण कर रहे हैं. अरपा नदी का बारह फ़ीट गड्डा खोद दिया गया और तीन बच्चियों की मौत हो गई।
  • पूरे राज्य में अपराध की बाढ़ आ गई है,अपराधियों को कौन संरक्षण दे रहा है।
  • सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है, जनता की भावनाओं पर कुठाराघात किया गया।
  • जशपुर में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाली जनजाति के चार लोगों की भूख से मौत हो गई लेकिन सरकार का हेलीकॉप्टर वहाँ नहीं उतरा, सुदूर दत्तक पुत्रों का भी अविश्वास सरकार ने खो दिया है।
  • पैर के नाखून से सिर के बाल तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं।
  • हम व्यक्ति पर प्रहार नहीं कर रहे, हम व्यवस्था पर सवाल कर रहे हैं।
  • आम आदमी के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। अमानक दवाओं की ख़रीदी की जा रही है।
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