चित्रकोट नहीं देखा, तो बस्तर की सैर अधूरी
लगातार हो रही बारिश के चलते चित्रकोट वॉटर फाल अपने शबाब पर है। ऐसे में दूर-दूर से सैलानी इसकी प्राकृतिक खूबसूरती को निहारने के लिए पहुंच रहे हैं। कहते हैं कि अगर चित्रकोट वॉटर फाल को नहीं देखा तो बस्तर की सैर अधूरी है। ऐसे में पर्यटक बार-बार इसे देखने और एडवेंचर का मजा लेने पहुंचते हैं।
लगातार हो रही बारिश के चलते चित्रकोट वॉटर फाल अपने शबाब पर है। ऐसे में दूर-दूर से सैलानी इसकी प्राकृतिक खूबसूरती को निहारने के लिए पहुंच रहे हैं। कहते हैं कि अगर चित्रकोट वॉटर फाल को नहीं देखा तो बस्तर की सैर अधूरी है। ऐसे में पर्यटक बार-बार इसे देखने और एडवेंचर का मजा लेने पहुंचते हैं।
90 फीट की ऊंचाई से गिरता है पानी, 1000 फीट है चौड़ाई
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 340 किमी और जगदलपुर मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर चित्रकोट वॉटर फाल घोड़े की नाल जैसे आकार का है। यहां पर इंद्रावती नदी का पानी करीब 90 फीट की ऊंचाई से गिरता है। ऐसे में एक हजार फीट चौड़े इस वॉटर फाल से पानी की सात धाराओं को गिरते देखना पर्यटकों को एडवेंचर से भर देता है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 340 किमी और जगदलपुर मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर चित्रकोट वॉटर फाल घोड़े की नाल जैसे आकार का है। यहां पर इंद्रावती नदी का पानी करीब 90 फीट की ऊंचाई से गिरता है। ऐसे में एक हजार फीट चौड़े इस वॉटर फाल से पानी की सात धाराओं को गिरते देखना पर्यटकों को एडवेंचर से भर देता है।
नाव में बैठकर ऊपर से गिरती धाराओं के जाते हैं करीब
यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मजा तब और बढ़ जाता है, जब नाव में बैठकर वो इस वॉटरफाल में उतरते हैं। इस दौरान नाविक उन्हें ऊपर से गिर रही धाराओं के करीब ले जाते हैं। उस समय शरीर पर गिरती बूंदे पर्यटकों के रोमांच को दोगुना कर देती हैं। हालांकि बारिश के दौरान इस वॉटरफाल का पानी मटमैला हो जाता है।
यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मजा तब और बढ़ जाता है, जब नाव में बैठकर वो इस वॉटरफाल में उतरते हैं। इस दौरान नाविक उन्हें ऊपर से गिर रही धाराओं के करीब ले जाते हैं। उस समय शरीर पर गिरती बूंदे पर्यटकों के रोमांच को दोगुना कर देती हैं। हालांकि बारिश के दौरान इस वॉटरफाल का पानी मटमैला हो जाता है।
इस तरह पहुंच सकते हैं यहां
चित्रकोट वॉटर फाल तक पर्यटक आसानी से पहुंच सकते हैं। राजधानी रायपुर देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ी हुई है। यहां पर ट्रेन, बस और हवाई सेवा भी उपलब्ध है। रायपुर से जगदलपुर के लिए बस और टैक्सी के जरिए पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा रायपुर से जगदलपुर और हैदराबाद से जगदलपुर तक भी उड़ान उपलब्ध है।
चित्रकोट वॉटर फाल तक पर्यटक आसानी से पहुंच सकते हैं। राजधानी रायपुर देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ी हुई है। यहां पर ट्रेन, बस और हवाई सेवा भी उपलब्ध है। रायपुर से जगदलपुर के लिए बस और टैक्सी के जरिए पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा रायपुर से जगदलपुर और हैदराबाद से जगदलपुर तक भी उड़ान उपलब्ध है।
15 जून से अक्तूबर तक का समय सबसे अच्छा
इन तीनों ही सेवाओं के जरिए पहले पर्यटकों को जगदलपुर संभागीय मुख्यालय पहुंचना होता है। इसके बाद वहां से सड़क मार्ग की करीब 40 किमी की दूरी तय कर जल प्रपात तक पहुंचा जा सकता है। पर्यटन विभाग की ओर से यहां रहने की भी व्यवस्था है। इस जल प्रपात को देखने और घूमने के लिए सबसे अच्छा समय 15 जून से अक्तूबर के बीच है।
इन तीनों ही सेवाओं के जरिए पहले पर्यटकों को जगदलपुर संभागीय मुख्यालय पहुंचना होता है। इसके बाद वहां से सड़क मार्ग की करीब 40 किमी की दूरी तय कर जल प्रपात तक पहुंचा जा सकता है। पर्यटन विभाग की ओर से यहां रहने की भी व्यवस्था है। इस जल प्रपात को देखने और घूमने के लिए सबसे अच्छा समय 15 जून से अक्तूबर के बीच है।
पर्यटक बोले- यहां मिलनी चाहिए और सुविधाएं
पर्यटकों का कहना है कि इस प्राकृतिक सौंदर्य से भरे स्थान को साफ-सुथरा रखने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए। बाहर से आने वाले सैलानियों को किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके अलावा इस जगह में और भी सुविधाएं जुटानी चाहिए ताकि पर्यटक सुबह से लेकर शाम तक यहां परिवार सहित समय बिता सकें।
पर्यटकों का कहना है कि इस प्राकृतिक सौंदर्य से भरे स्थान को साफ-सुथरा रखने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए। बाहर से आने वाले सैलानियों को किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके अलावा इस जगह में और भी सुविधाएं जुटानी चाहिए ताकि पर्यटक सुबह से लेकर शाम तक यहां परिवार सहित समय बिता सकें।