ACN18.COM कोरबा/मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित हो रहे जिला अस्पताल कोरबा की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए काम करने की जरूरत महसूस की गई है और इस पर जल्द ही परिणाम दिखाई देंगे. लगातार हो रही चोरी और अन्य घटनाओं के मद्देनजर अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षा की दिशा में काम करना सुनिश्चित किया है। अब यहां वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने के लिए लोगों को पास सिस्टम से गुजरना होगा।
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल चाहे जब विधिवत रूप से काम करना शुरू करें लेकिन इससे पहले यहां के 100 बेड अस्पताल को हर मामले में ठीक करने कोशिश शुरू हो गई हैं। अस्पताल प्रबंधन इस बारे में योजना बनाने के साथ उसे अंजाम देने में लगा हुआ है। सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर है कि यहां पर आए दिन हो रही चोरी और अन्य घटनाओं को कैसे रोका जाए। इसे लेकर प्रबंधन ने 24 और स्थानों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाना तय किया है। जबकि पहले से ही इतने कैमरा यहां पर लगे हुए हैं।
दूसरे अस्पतालों की तरह यहां भी सुबह और शाम मरीजों से उनके परिजनों की मुलाकात के लिए समय निर्धारित किया गया है लेकिन देखने को मिलता है कि कई मौकों पर वार्ड में भीड़ लग जाटी हैं और इससे दिक्कतें होती हैं। इसलिए अब अस्पताल प्रबंधन विचार कर रहा है कि जल्द ही मरीजों से मिलने के लिए पास सिस्टम को जारी किया जाए।
2 दिन पहले ही अस्पताल परिसर क्षेत्र में संचालित हो रहे ऑक्सीजन प्लांट के दो ट्रांसफार्मर काफी मात्रा में कॉपर केबल की चोरी अराजक तत्व के द्वारा कर ली गई थी। जिस अंदाज में इस घटना को अंजाम दिया गया, उससे कई प्रकार के सवाल उठ खड़े हुए हैं । इसलिए भी अस्पताल का प्रबंधन चाहता है कि अब सुरक्षा के मामले में किसी तरह से कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। याद रहे इससे पहले अलग व्यवस्था में संचालित हो रहे जिला अस्पताल की सुरक्षा के लिए प्रबंधन के द्वारा नगर सेना के साथ करार करते हुए 12 जवानों की सेवाएं यहां पर ली जा रही थी। लेकिन एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान नहीं होने पर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई और आखिरकार सुरक्षाकर्मियों को नगर सेना ने वापस बुला लिया। इन कारणों से वर्तमान में सुरक्षा के विषय पर बहुत ज्यादा गंभीरता नहीं बनी हुई है और फिलहाल 24 सीसीटीवी कैमरे के भरोसे ही पूरा काम चल रहा है