नियमों के मुताबिक, इस्लामाबाद में संबंधित संघीय परिषदें विवाह कराने के लिए ‘महाराज’ का पंजीकरण करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू धर्म का पर्याप्त ज्ञान रखने वाला एक हिंदू पुरुष ‘पंडित’ या ‘महाराज’ बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘महाराज’ की नियुक्ति स्थानीय पुलिस से चरित्र प्रमाण पत्र जमा करने और हिंदू समुदाय के कम से कम 10 सदस्यों की लिखित मंजूरी के बाद ही की जाएगी। नियमों का मसौदा तैयार करने वाले इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र के जिला अटॉर्नी महफूज पिराचा ने अखबार को बताया कि अधिसूचना अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत अब इन नियमों को अपना सकते हैं।