acn18.com कोरबा/डिंगपुर क्षेत्र में में ईएसआईसी हॉस्पिटल को तैयार करने के लिए पिछले वर्षों में भारत सरकार के द्वारा 100 करोड रुपए की राशि खर्च की गई। उद्घाटन के कुछ समय के बाद ही कोविद महामारी का विस्तार होने पर इस अस्पताल का उपयोग संबंधित मरीजों की चिकित्सा करने के लिए लंबे समय तक किया गया। हालात सामान्य होने पर ईएसआईसी हॉस्पिटल अपने मूल उद्देश्य के साथ काम करने लगा है। पंजीकृत श्रमिकों को यहां से बेहतर चिकित्सा प्राप्त हो इसके लिए अस्पताल विकास समिति भी अपनी ओर से कोशिश कर रही है। इस बारे में उसने बैठक की और कई निर्णय लिए। समिति के सदस्य और जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में 70 इकाइयां संचालित है जिनमें काफी संख्या में श्रमिक काम करते हैं। इन लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ईएसआईसी हॉस्पिटल के द्वारा शिविर आयोजित किए गए। कई कारणों से श्रमिक ईएसआईसी हॉस्पिटल जाने में संकोच करते हैं इसलिए हमने तय किया है कि इलेक्ट्रिक ऑटो की व्यवस्था जल्द उपलब्ध कराई जाएगी।
अस्पताल विकास समिति के सदस्य और सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई ने बताया कि ईएसआईसी हॉस्पिटल एक महत्वकांची प्रोजेक्ट है और इसके माध्यम से बड़ी संख्या में श्रमिक वर्ग को लाभान्वित किया जा रहा है। इसे और बेहतर करने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। ईएसआईसी हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राजेश चंदानी ने बताया कि जनरल सर्जन की व्यवस्था करने के साथ बड़े स्तर पर आवश्यक सुधार किए गए हैं। हर स्तर पर पंजीकृत कार्ड धारकों को चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो, यह हमारी प्राथमिकता है।
भारत सरकार अपने विशेष संकल्प के अंतर्गत पिछले वर्षों में इसकी ऐसे सभी क्षेत्रों में राज्य कर्मचारी बीमा निगम अस्पतालों की स्थापना की है जहां पर केंद्रीय उपक्रम के साथ-साथ दूसरे संस्थान कार्यशील है और उनमें बड़ी संख्या में श्रमिक नियोजित है। सरकार के द्वारा ऐसे श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने के लिए यह परियोजना काम कर रही है।