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छत्तीसगढ़ के इस जिले में नजर आया सफेद गिद्ध, वन विभाग का सर्वे के साथ संरक्षण पर भी काम शुरू

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acn18.com कबीरधाम / देश में विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके जटायु मतलब गिद्ध जो एक प्रतिशत बचे हैं उनके संरक्षण को लेकर काम शुरू हो चुका है। इनके संरक्षण के लिए प्रदेश में पहली बार इनकी गणना की जा रही है। बिलासपुर, मुंगेली व कटघोरा वन मंडल में गणना के बाद कबीरधाम में गणना का काम शुरू हो गया है।

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प्रदेश में पहली बार गिद्ध का गणना किया जा रहा है। ये देश में 99 प्रतिशत विलुप्त हो चुके हैं। एक प्रतिशत से गिद्ध हैं उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। अचानकमार टायगर रिजर्व के 500 किमी के दायरे में आने वाले छत्तीसगढ़ के 10 व मध्यप्रदेश के तीन जिलों में गणना किया जाएगा। अब तक प्रदेश के बिलासपुर, मुंगेली व कटघोरा वन मंडल में गणना का काम पूरा हो गया है। इसके बाद कबीरधाम में गणना का काम शुरू हो गया है।

अचानकमार टायगर रिजर्व के वल्चर कंजरवेशन एसोसिएट अभिजीत शर्मा व उनकी टीम सर्वे कर रही है। उन्होंने बताया कि कबीरधाम में कवर्धा वनमंडल अंतर्गत पूर्व में व्हाइट रम्प्ड वल्चर(बंगाल का गिद्ध) पाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है जिसका सर्वे टीम द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में सर्वे के दौरान इजिप्शियन वल्चर(सफेद गिद्ध) पाये जाने की पुष्टि की गई है।

अचानकमार टायगर रिजर्व के वल्चर कंजरवेशन एसोसिएट अभिजीत शर्मा व उनकी टीम सर्वे कर रही है। उन्होंने बताया कि कबीरधाम में कवर्धा वनमंडल अंतर्गत पूर्व में व्हाइट रम्प्ड वल्चर(बंगाल का गिद्ध) पाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है जिसका सर्वे टीम द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में सर्वे के दौरान इजिप्शियन वल्चर(सफेद गिद्ध) पाए जाने की पुष्टि की गई है।

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