acn18.com कोरबा/ असत्य पर सत्य के जीत का पर्व दशहरा के मौके पर शष्त्र पूजन का इतिहास काफी पुराना है। हर साल इस खास मौके पर पुलिस द्वारा शष्त्रों की पूजा कर हर्ष फायर किया जाता है। इस बार भी पुलिस लाईन में एसपी संतोष सिंह की मौजूदगी में शस्त्र पूजा की गई। पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा पाठ कर हर्ष फायर भी किया गया।
अधर्म पर धर्म की,असत्य पर सत्य की अनीति पर नीती की जीत का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। विजयादशी के पर्व पर शष्त्र पूजा करने का इतिहास सदियों पुराना है। इस दिन शस्त्रों की पूजा करने से बल मिलने के साथ ही यश और वैभव की प्राप्ती होती है यही वजह है,कि हर वर्ष इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है। पुलिस लाईन कोरबा में एसपी संतोष सिंह की मौजूदगी में शस्त्रों की पूजा की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ही सभी पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में लाईन में मौजूद बंदूक व अन्य हथियारों की पूजा की गई फिर हर्ष फायर किया गया।
सनातन धर्म में यह परंपरा आज से नहीं बल्कि सालों से चली आ रही है, हर वर्ष दशहरे के दिन विधि-विधान से इस परंपरा का पालन किया जाता है. इस दिन शस्त्र-शास्त्रों के पूजन का खास विधान है. ऐसा माना जाता है कि क्षत्रिय इस दिन शस्त्र और ब्राह्मण इस दिन खासतौर से शास्त्रों का पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी कार्य शुरु किया जाए उसमें निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है. प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है उस समय में भी योद्धा युद्ध पर जाने के लिए दशहरे के दिन का चयन करते थे। एसपी ने कहा,कि इस मौके पर जिले के सभी थाना चैकियो में हर्ष फायर किया जाएगा।
दशहरा बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. इसलिए दशहरे की इस पर्व को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है.मान्यता यह भी है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का इस दिन वध किया था, इसलिए विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन का विशेष महत्व रहता है. दरअसल, ये परंपरा सदियों पुरानी है, जिसका निर्वहन आज भी किया जा रहा है. आज भी लोग पुराने नियमों के तहत ही शस्त्र-पूजा करते हैं।
छत्तीसगढ़: दशहरे पर कई इलाकों में गल सकता है रावण, भारी वर्षा के आसार, मौसम विभाग का अलर्ट