छग के बाल्को निवासी समाजसेवी और बहुमुखी प्रतिभाके धनी अशोक यादव का निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में भारी तादाद में लोग शामिल हुए । अषोक यादव के ष्सव को उनकी बहनो ने भी कंधा देकर शमशान घाट तक पहुचंाया।वहीं एकलौती बिटिया ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया।
समाजसेवा में अपनी भूमिका निभाने वाले और बाल्को के सुप्रसिध्द श्रमिक नेता स्व विक्रम सिंह यादव के सुपुत्र अशोक यादव का कल तिल्दा में आकस्मिक निधन हो गया। तिल्दा में रहकर एक कंपनी में ठेकेदारी करने वाले अशोक यादव का शव उनके बाल्को स्थित आवास लाया गया। जहां उनकी अंतिम यात्रा शमशान घाट के लिए शुरू हुई। लोगो की आंखे उस वक्त नम हो गई जब स्व अशोक की बहनों ने भी उन्हें कंधा दिया। अपने प्रिय भाई को शमशान घाट तक ले जाने वाली बहनों का रूदान लोगो की आंख नम करता रहा और फिर जब अंतिम संस्कार का समय आया तो अषोक की एकलौती बेटी खुशी ने जब पिता के शव के चारो ओर भ्रमण करते हुए उन्हें मुखागिन दी। तब लो सिसक उठे।
अशोक यादव की अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोग कहते हुए गए कि उन्होंने अपना एक सच्चा हमदर्द खो दिया। सच कहने का माद्दा रखने वाले अशोक यादव की कमी उन्हें ताजिंदगी खलेगी। स्व अशोक यादव को शमशान घाट में उपस्थित सैकड़ो लोगो ने मौन रखकर उन्हें अष्वपूरित श्रध्दांजली दी।
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