ACN18.COM कोरबा / छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सर्पदंश की घटनाएं लगातार बढ़ रही है लेकिन इसी के साथ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सांपों से पंगा लेने के मामले में पीछे नहीं रहते। कनकी गांव में एक परिवार ने कोबरा प्रजाति के सांप को कुछ घंटे नहीं बल्कि पूरे 4 दिन तक बंधक बना रखा । कोबरा की गलती यह थी कि उसने इस परिवार के एक बच्चे को काट दिया था। जानकारी होने पर स्नेक कैचर की सलाह पर उसे मुक्त किया गया।
नए नागलोक के रूप में कोरबा जिला को छत्तीसगढ़ में पहचान मिल रही हैं। जानकारों के मुताबिक यहां पर डेढ़ सौ से अधिक प्रजाति के सांप मौजूद हैं जो बारिश में ही नहीं बल्कि अलग-अलग सीजन में यहां वहां नजर आते हैं। वर्षा काल में सांपों के निकलने की घटनाएं कुछ ज्यादा होती हैं और इस दौरान वे अधिक संख्या में लोगों को अपने जहर के प्रभाव से मूर्छित कर देते है। कुछ मामलों में तो पीड़ित की जिंदगी खत्म हो जाती है। इसलिए सर्पदंश की घटनाओं को लेकर लोगों की नाराजगी स्वाभाविक है। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित करतला विकासखंड के ग्राम कनकी में बिंझवार परिवार ने ऐसे ही कारण से कोबरा प्रजाति के सर्प को पुरे 4 दिन तक बंधक बनाकर दंडित किया। सर्प के साथ या व्यवहार इसलिए किया गया क्योंकि उसने इस परिवार के 1 बच्चे को डसा था।
ग्रामीण क्षेत्र में कोबरा को बंधक बनाए रखने के बारे में खबर कोरबा पहुंची तो स्नेक रेस्क्यू का काम करने वाली एक संस्था से जुड़े लोग हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि लोगों को समझाइश देने के बाद उन्होंने सर्प को मुफ्त किया जिसे जंगल में छोड़ दिया गया। जितेंद्र ने बताया कि लोगों में एक तरह का मिथक बना हुआ है कि सर्प पर जितना चलेगा, उसी रफ्तार से उसके जहर का असर प्रभावित के शरीर पर होगा। इसमें सच्चाई नहीं है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि बारिश के सीजन में सर्पदंश की घटनाओं से बचने के लिए हर स्तर पर सतर्कता और सावधानी बरती जाए।
कोरबा में वैसे ही बिजली घरों की राख और चीमनियों के धुंए के कारण वातावरण में जहर फैल रहा है । इन कारणों से लोग वैसे ही परेशान है। इन सबके बीच विश्धरों की कारगुजारी से लोगों की जिंदगीयों पर खतरा बढ़ रहा है। यही वजह है कि खासतौर पर जब ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के मामले आते हैं तो हैरान परेशान लोग प्रचलित किंबदंती के आधार पर विषधरों के साथ ऐसा कुछ कर गुजरते है ताकि दिल को कुछ तो राहत मिले।