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बालको अस्पताल में लेजर प्रोक्टोलॉजी उपयोग से चिकित्सा सेवाएं हुईं उत्कृष्ट

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Acn18.com.बालकोनगर /वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक सामुदायिक पहुंच सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों में एक नया मील का पत्थर हासिल किया है। उन्नत चिकित्सा तकनीकों की मदद से बालको अस्पताल ने एंडोवेनस लेजर एब्लेशन (ईवीएलए) और लेजर प्रोक्टोलॉजी नामक दो जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। इस तकनीक से अस्पताल में आने वाले लोगों को लाभ होगा जो समुदाय को उन्नत स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता में बालको का सराहनीय प्रयास है।
छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जिलों में हर साल 2,50,000 से अधिक रोगियों की सेवा करने वाले बालको अस्पताल की कुशल चिकित्सा टीम ने दो रोगियों के वैरिकाज़ नसों का इलाज ईवीएलए की मदद से किया। आमतौर पर यह जांघ और पैर के पिंडलीयों में होता है इससे पैरों में सूजन और नसों के फूलने से दर्द और भारीपन जैसे परेशान करने वाले लक्षण होते हैं। बालको अस्पताल के डॉ. हेमंत काजा (लैप्रोस्कोपिक सर्जन, एंडोस्कोपिस्ट और लेजर प्रोक्टोलॉजिस्ट एंडोस्कोपिस्ट) ने ईवीएलए और अन्य उन्नत लेजर उपकरणों के उपयोग से रोगियों का उपचार किया।
ईवीएलए द्वारा सफलतापूर्वक इलाज से लाभान्वित 2 रोगियों में से एक श्रीमती बसंती सोनी इस इलाज से खुश हैं। उन्होंने कहा कि बालको अस्पताल के डॉक्टर की मैं ‘वैरिकाज़ नसों’ के उपचार के लिए दिल से आभारी हूं। अस्पताल के साफ-सुथरे वातावरण और गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान करने के साथ-साथ मरीजों के प्रति अस्पताल की प्रतिबद्धता ने मुझे वास्तव में भाग्यशाली महसूस कराया। श्रीमती सोनी कहा कि बालको अस्पताल के डाक्टरों के प्रयासों से अब बिना किसी परेशानी के चलने में सक्षम हूं।
बालको अस्पताल ने कोलन, मलाशय और गुदा को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए लेजर प्रोक्टोलॉजी शल्य चिकित्सा पद्धति पेश की है। लेजर का उपयोग करते हुए डॉक्टर बवासीर, फिशर, फिस्टुला, पायलोनिडल साइनस और पॉलीप्स जैसी सामान्य बीमारियों का प्रभावी ढंग से इलाज करने में सक्षम होंगे। बवासीर से पीड़ित रोगियों के लिए कुशल और प्रभावी समाधान लाएगा। लेजर प्रोक्टोलॉजी के साथ अस्पताल भविष्य में लेजर की मदद से स्त्रीरोग संबंधी उपचार करने की संभावना रखता है।
बालको अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक सिन्हा ने कहा कि हम चिकित्सा नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाने और बालको अस्पताल में अपने रोगियों की देखभाल में विश्वास करते हैं। लेजर प्रोक्टोलॉजी के नवीनतम प्रगति से हम उपचार के विकल्पों में क्रांति ला रहे हैं। इसकी मदद से पैरों में बिना कटिंग और स्टिंचिंग से मरीजों का इलाज हो रहा है। हमें अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने का नेतृत्व करने पर गर्व है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने बालको अस्पताल की टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि बालको अस्पताल के माध्यम से कोरबा जिले में अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों की शुरुआत होने पर गर्व है। हम क्षेत्र में नवीनतम चिकित्सा तकनीकों, उपकरण और सभी तक उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और आधुनिक सुविधाओं को बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं। श्री कुमार ने कहा कि बालको अस्पताल के जरिए क्षेत्र के जरूरतमंदों को हरसंभव चिकित्सा सुविधाएं देने के प्रति बालको प्रबंधन कटिबद्ध है।
बालको अस्पताल पर एक नजर: बालको के 75 बिस्तरों के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल ने अपने विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से बालको अधिकारियों, कर्मचारियों, उनके परिवारजनों, ठेकाश्रमिकों और स्थानीय नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की पूर्ति पूरी दक्षता से की है। यहां पांच बिस्तरों वाला गहन चिकित्सा कक्ष मौजूद है जहां गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों का इलाज एमडी मेडिसिन की देखरेख में किया जाता है। 10 विशेषज्ञ चिकित्सक, आठ चिकित्सा अधिकारी, दो फिजियोथैरेपिस्ट, एक दंत चिकित्सक के अलावा 27 नर्सों और 80 सहायक कर्मचारियों के साथ बालको अस्पताल उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाओं के प्रति कटिबद्ध है। हृदय, मूत्र, और मेरूदंड संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ नियमित रूप से दौरे पर आते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रबंधन एवं गुणवत्ता के लिए बालको अस्पताल को आई.एस.ओ. 9001-2015 प्रमाणपत्र मिल चुका है।
भारत सरकार की आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पताल में जरूरतमंदों को आर्थोपेडिक्स, ई.एन.टी., सामान्य सर्जरी आदि की सुविधाएं दी जाती हैं। ओपन एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी किए जा जाते हैं। सामान्य व सिजेरिएयन प्रसव तथा स्त्री रोग संबंधी अनेक सेवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं। शुरूआती अवस्था में ही बीमारी की पहचान के लिए समय-समय पर शिविर आयोजित किए जाते हैं। एंटीनेटल शिविर, कैंसर जागरूकता शिविर, अस्थि घनत्व मापन शिविर आदि के जरिए नागरिकों को बीमारियों के लक्षणों और उसकी चिकित्सा पद्धतियों से अवगत कराया जाता है। राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के साथ ही सरकार द्वारा निर्धारित समस्त टीकाकरण कार्यक्रमों का अनुसरण बालको अस्पताल में किया जाता है।

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